डूबे हुए पैसों को प्राप्त करने की कानूनी प्रक्रिया क्या है?

डूबे हुए पैसों को प्राप्त करने की कानूनी प्रक्रिया क्या है?

इंसानी तौर पर एक दूसरे की मदद करना हमारी आदत होती है। हम अपने दोस्तों की या परिजन की मदद या तो लेते हैं या करते हैं। कई बार यह मदद पैसों की होती हैं। यानि आप अपने किसी परिजन को पैसे उधार देते हैं। मगर हर बार आपके उधार दिए हुए पैसे वापस मिलें यह ज़रूरी नहीं होता। कई बार उधार दिये हुए पैसे वापस पाने में ख़ासी मशक्कत करनी पड़ जाती है। और कई बार ये पैसे डूब भी जाते हैं। अब सवाल यह है कि डूबे हुए पैसों को प्राप्त करने की कानूनी प्रक्रिया क्या है?

आज के इस लेख में हम यह समझने की कोशिश करेंगे कि डूबे हुए पैसों की रिकवरी करने की प्रक्रिया क्या है? और डूबे हुए पैसे कैसे प्राप्त किये जा सकते हैं।

प्रॉमिसरी नोट का इस्तेमाल

किसी परिजन या मित्र को दिया गया ऋण आमतौर पर असुरक्षित होता है क्योंकि इसमें ढीले-ढाले नियम और शर्तें होती हैं। एक प्रॉमिसरी नोट लिखित रूप में एक ऐसा दस्तावेज है जिसमें निर्माता द्वारा हस्ताक्षरित एक बिना शर्त का वचन होता है। जो केवल एक निश्चित व्यक्ति को या धारक को एक निश्चित राशि का भुगतान करने के लिए ही होता है।

किसी प्रॉमिसरी नोट में में सरल नियम और शर्तें शामिल होती हैं। इन में कोई विशिष्ट खंड शामिल नहीं होता है। साथ ही यह निगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट, 1881 के अनुसार एक वैध कानूनी दस्तावेज है और विवाद के मामले में अदालत द्वारा स्वीकार किया जाता है।

यदि किसी ने प्रॉमिसरी नोट के बाद भी पैसे नहीं लौटाए तो आप इस के तहत केस कर अपने डूबे हुए पैसे वापस पा सकते हैं।

लोन अग्रीमेंट का इस्तेमाल

लोन अग्रीमेंट में कई नियम और शर्तें शामिल होती हैं जैसे कि ऋण का उद्देश्य, ऋण राशि, ऋण की ब्याज दर, ऋण की अवधि, ऋण सुरक्षा और किसी भी प्रकार का विशेष नियम और शर्तों का उल्लेख जो कि पार्टी द्वारा एक समझौते में किया जाता है। एक लोन अग्रीमेंट लोन दिये जाने या पैसे उधार देने को अधिक औपचारिक बनाता है।

ये समझने के बाद आइये हम जानते हैं कि आप कैसे अपने परिजन या मित्र से अपने डूबे हुए पैसे पैसे वापस प्राप्त कर सकते हैं?

जब एक एक व्यक्ति अपने दोस्त या परिजन को उधार देता है, और अगर पैसे नहीं लौटाए जा रहे होते हैं तो न्यायालय में जाने के लिए कुछ बातों का होना आवश्यक है। आइये समझते हैं वो कौन सी बातें हैं:

  1. जो राशि वसूल की जानी है पूर्ण रूप से एक ऋण हो।
  2. दिया गया ऋण प्रॉमिसरी नोट , लोन अग्रीमेंट या अन्य किसी विधि मान्य रूप से दिया गया हो।
  3. अपने दोस्त या रिश्तेदार से अपना पैसा वापस पाने का यह उपाय उन मामलों पर भी लागू होता है, जहां किसी तीसरे पक्ष ने आपके द्वारा अपने दोस्त या रिश्तेदार को उधार दिए गए पैसे की गारंटी दी हो।

इन बातों का ध्यान रखे जाने के बाद आप को न्यायालय में एक समरी सूट फ़ाइल करना होगा। एक समरी सूट दाखिल करने वाले व्यक्ति द्वारा दो महत्वपूर्ण घोषणाएँ होती हैं:

  1. एक विशिष्ट शपथ कि सीपीसी के आदेश 37 के तहत मुकदमा दायर किया गया है।
  2. कोई राहत जो आदेश के दायरे से बाहर है, अंतिम राहत के रूप में नहीं मांगी जाएगी।
इसे भी पढ़ें:  म्यूच्यूअल डाइवोर्स, कंटेस्टेड डाइवोर्स से बेहतर कैसे है?

समरी सूट फ़ाइल करने के बाद, अगला कदम डिफॉल्टर को समन करना होता है। समन प्राप्त करने के बाद, व्यक्तिगत रूप से या किसी अधिवक्ता के माध्यम से समन जारी करने के 10 दिनों के भीतर डिफॉल्टर की अदालत में उपस्थिति आवश्यक होती है।

यदि डिफॉल्टर न्यायालय में नही आता है तो वाद में आरोप स्वाभाविक रूप से डिफॉल्टर द्वारा स्वीकार किए जाने के लिए माना जाएगा और उधारकर्ता को उनके समझौते में उल्लिखित ब्याज के साथ या बिना ब्याज के पैसे वापस करने के लिए कहा जाएगा।

या फिर समन का उत्तर 10 दिनों के भीतर उधारकर्ता की ओर से दिया जाना चाहिए, कि या तो वह आरोप स्वीकार करता है या उसकी ओर से कोई बचाव मौजूद है। इसके बाद सुनवाई के साथ ही न्यायालय अपना फैसला सुनाती है। दोष सिद्ध होने पर आपको आपके डूबे हुए पैसे वापस करने के लिए न्यायालय द्वारा आदेश जारी किया जाता है।

लीड इंडिया में अनुभवी वकीलों की एक पूरी टीम है यदि आपको किसी भी प्रकार की कानूनी सहायता चाहिए तो लीड इंडिया से सम्पर्क करें।

Social Media