किरायेदार से अपनी संपत्ति खाली कराने के लिए क्या करें?

किरायेदारों को प्रॉपर्टी खाली करने के लिए कानूनी नोटिस कैसे भेजें?

किरायेदार से प्रॉपर्टी खाली कैसे करवाए?

कभी-कभी मकान मालिक को अपनी किराए पर दी गयी सम्पत्ति को खाली कराने में बहुत सी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है क्योंकि कुछ किराएदार अक्सर संपत्ति को खाली नहीं करना चाहते हैं या संपत्ति को खाली करने के लिए कहने पर गड़बड़ी या उपद्रव पैदा करते हैं। 

भारत में बहुत बार ऐसी स्थिति/सिचुएशन पैदा हो जाती है जहां किरायेदार द्वारा जबरदस्ती संपत्ति पर कब्जा कर लिया जाता है, तो मकान मालिक के पास किरायेदार को जबरदस्ती घर से बेदखल करने के अलावा कोई ऑप्शन नहीं बचता है और वह किरायदार के खिलाफ घर से निकालने के लिए केस फाइल कर देता है, हालाँकि, एक्सपर्ट्स की राय के अनुसार किरायेदार को बेदखल करने के लिए केस फाइल करने से पहले मकान मालिक द्वारा किरायेदार को एक पूर्व सूचना/नोटिस भेजी जानी चाहिए।

किरायेदारों को कानूनी नोटिस कैसे भेजें?

किसी भी मकान मालिक को इन परिस्थितियों में चिंता होना स्वभाविक है पर आपको ऐसा नहीं करना चाहिए, बल्कि ऐसी सिचुएशन में लीगल तौर पर आप क्या कर सकते है इस बात की जानकारी लेने के लिए आपको एक्सपर्ट्स से बात करनी चाहिए। ज़्यादातर एक्सपर्ट्स ऐसी स्थिति में किरायदारों के खिलाफ एक लीगल नोट्स भेजने की सलाह देते है। नोटिस भेजने के लिए उसमें उपयोग की जाने वाली सभी जरूरी डिटेल्स आपको लॉयर को देनी होती है। 

क्या आप को कानूनी सलाह की जरूरत है ?

नोटिस भेजना क्यों जरूरी है?

जब मकान मालिक चाहता हैं कि उनकी संपत्ति किरायेदार द्वारा खाली कर दी जाए, तो उन्हें किरायेदार को इससे संबंधित एक फॉर्मल लेटर या नोटिस भेजना चाहिए, जिसमे मकान मालिक द्वारा किरायदार को जगह खाली करने के लिए एक निश्चित समय दिया जाना चाहिए। क्योंकि जो व्यक्ति जमीन का उपयोग कर रहा है उसे दूसरी जगह ढूंढ़ने के लिए कुछ समय दिया जाना चाहिए। 

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यह भी कहा जा सकता है कि संपत्ति खाली कराने के लिए भेजा गया नोटिस, मकान मालिक और किरायदार के बीच होने वाली फॉर्मल बातचीत का एक रूप है। और अगर किसी प्रकार का विवाद (dispute) पैदा होता है तो इस लीगल नोटिस को सबूत के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। यह नोटिस कोर्ट में यह साबित कर सकता है कि किरायेदार को संपत्ति खाली करने के लिए उचित समय दिया गया था।

नोटिस भेजने के लिए उपलब्ध आधार

  1. अगर किराएदार मकान मालिक को किराया नहीं दे रहा है।
  2. अगर किराए की संपत्ति को किराएदार द्वारा मकान मालिक की सहमति के बिना किसी अन्य व्यक्ति को दे दिया गया है।
  3. अगर किरायेदार रेंट एग्रीमेंट में बताये गए नियमों का उल्लंघन करता है।
  4. अगर किरायेदार सम्पत्ति पर कोई अवैध/इल्लीगल काम या ऐसा कोई काम करता है जिससे संपत्ति के मूल्य/वैल्यू कम होती है।
  5. अगर आस-पड़ोस में किरायेदार द्वारा कोई उपद्रव मचाया जाता है।
  6. अगर किरायेदार केवल अपनी मर्जी से संपत्ति की बनावट को बदल देता है।
  7. अगर मकान मालिक अपनी संपत्ति खुद इस्तेमाल करना चाहता है।
  8. अगर मकान मालिक संपत्ति का पुनर्निर्माण मतलब तोड़कर नए सिरे से बनवाना चाहता है।
  9. अगर मकान मालिक ऐसी संपत्ति को बेचना या तोडना चाहता है।
  10. अगर किरायेदार प्रॉपर्टी के साथ किसी भी तरह का खिलवाड़ कर रहा है।

ऊपर बताई गयी किसी भी सिचुएशन में मकान मालिक द्वारा किरायेदार को सम्पत्ति खाली करने के लिए लीगल नोटिस भेजने का पूरा अधिकार है। 

इसके लिए आपको एक अच्छे और एक्सपर्ट वकील को हायर करके किरायेदार के खिलाफ उचित लीगल नोटिस तैयार कराना चाहिए जिसमे साफ़ साफ़ लिखा हो कि संपत्ति को 30 दिनों में खाली करना जरूरी है। और ऐसा ना होने पर मकान मालिक के पास अधिकार है कि वह किरायेदार के खिलाफ सम्पत्ति खली ना करने पर केस फाइल कर सकता है।

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क्या कर्मचारी के लिए नियोक्ता को नोटिस भेजा जा सकता है?

अगर एक नियोक्ता (employer) अपने कर्मचारियों (employees) को काम करने या रहने के लिए एक प्रॉपर्टी उपलब्ध कराता है, जिसे कर्मचारी अपनी इनकम बनाने के लिए किसी अन्य व्यक्ति को किराए पर दे देता हैं या रेंट एग्रीमेंट में बताई गयी शर्तें तोड़ता है, आदि तो मकान मालिक नियोक्ता के खिलाफ लीगल नोटिस भेजा जा सकता है। 

लीड इंडिया आपकी कैसे मदद कर सकता है?

लीड इंडिया के पास बहुत से एक्सपर्ट वकील हैं जो आपके किसी भी कानूनी सवाल का सही जवाब दे सकते है। जैसे – किरायेदार से सम्पत्ति खाली कराने के लिए आपको क्या करना चाहिए या फिर अगर आप एक किरायदार है और बिना वजह मकान मालिक परेशान करे तो क्या करें?, आदि। यहां आपको सलाह के साथ-साथ उचित लीगल नोटिस, कॉन्ट्रैक्ट तैयार करने में आपकी मदद कर सकते है और कोर्ट में केस फाइल करने में भी आपकी मदद कर सकते है।

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