किराया नियंत्रण अधिनियम का परिचय

किराया नियंत्रण अधिनियम का परिचय

रेंट कंट्रोल एक्ट (किराया नियंत्रण अधिनियम)

रेंट कंट्रोल एक्ट भारत में किराये पर रहने वाले लोगों की सुरक्षा और सुविधा के लिए बनाया गया एक महत्वपूर्ण कानून है। इस एक्ट के तहत, रेंट पर दिए जाने वाले घरों के भाड़े पर नियंत्रण लगाया जाता है ताकि किराये पर रहने वाले लोगों को अनुचित बढ़ोतरी और खराब इस्तेमाल से बचाया जा सके।

रेंट कंट्रोल एक्ट के तहत किराये पर दिए जाने वाले घरों के किराये में वृद्धि पर सरकार नियंत्रण रखती है। इसके तहत रेंट के विशेष नियंत्रण की विधि स्थापित की जाती है जिससे आम लोगों को उचित भाड़े पर घर मिल सके। रेंट कंट्रोल एक्ट के तहत घरदार रेंट के बढ़ोतरी के खिलाफ आपत्ति भी दर्ज कराई जा सकती है और  न्यायालय में भी इस मामले की सुनवाई का अधिकार होता है।

क्या आप को कानूनी सलाह की जरूरत है ?

रेंट कंट्रोल एक्ट सिर्फ किराये पर दिए जाने वाले घरों पर ही लागू नहीं होता है बल्कि इसके अलावा, आफिस के लिए अथवा व्यापारिक उद्देश्य के लिए रेंट पर दी गई रेंटल प्रापर्टी पर भी इसे लागू किया जा सकता है। इस एक्ट के तहत रहने वाले लोगों को बाजार भाड़े से ऊंचा भाड़ा देने से रोका जाता है जिससे उन्हें सुरक्षित रहने का मौका मिल सके।

क्या रेंट बढ़ाने के लिए कानूनी कार्रवाई की जा सकती है ? 

किराएदारों के लिए रेंट कंट्रोल एक्ट किरायेदार को बढ़ोतरी के खिलाफ आपत्ति दर्ज करने का अधिकार देता है और उन्हें इस मामले की सुनवाई के लिए उच्च न्यायालय में जाने का मौका मिलता है। इसी के साथ रेंट कंट्रोल एक्ट में अधिकारियों को भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने का भी अधिकार होता है ताकि इस एक्ट के तहत नियमों का उल्लंघन नहीं हो सके।

इसे भी पढ़ें:  विदेश में रह रहे रिश्तेदार के बच्चे को गोद कैसे ले सकते है?

मकान मालिक कब तक किराए दार से घर खाली नहीं करवा सकता है?

इसके अलावा रेंट कंट्रोल एक्ट के तहत किराए पर रहने वाले लोगों के और भी अधिकारों की बात की जाती है जैसे कि महाराष्ट्र में यदि ज्यादा समय से एक ही स्थान पर कोई किराए से रह रहा हैं तो उन्हें तब तक मैं दिखा नहीं किया जा सकता जब तक वह मानक किराए के अनुसार भाड़ा देने के लिए तैयार है। यही कारण है इस नियम का कई बार किरायेदारों के द्वारा दुरुपयोग भी होता देखा गया है।

रेंट कंट्रोल एक्ट भारत में न्यायिक व्यवस्था को रेंट पर रहने वाले लोगों की सुरक्षा और सुविधा के लिए एक महत्वपूर्ण साधन बनाता है। इसके तहत किराये पर घरों के भाड़े का नियंत्रण रखा जाता है ताकि लोगों को उचित मूल्य पर घर लेने का मौका मिल सके। इसे सुनिश्चित करने के लिए रेंट कंट्रोल एक्ट के नियमों का पालन किया जाना चाहिए और इसे भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए इसके नियंत्रण अधिकारियों को शक्ति और प्राधिकरण मिलना चाहिए।

यह आप भी किराए से संबंधित किसी भी प्रकार की समस्याओं का सामना कर रहे हैं तो आज ही लीड इंडिया से संपर्क करें जहां हमारे एक्सपर्ट की टीम आपकी हर संभव मदद करने के लिए तैयार हैं।

Social Media