क्या शादी के बाद अपना सरनेम बदलना जरूरी है?

क्या शादी के बाद अपना सरनेम बदलना जरूरी है?

भारत परंपरा प्रधान देश है। इसलिए यहां आज भी महिलाएं शादी के बाद अपना सरनेम अपने पति के सरनेम के अनुसार रख लेती हैं, और ये बड़े बड़े सेलिब्रिटी भी करते है । नई शादी हुई लड़कियों को सरनेम बदलने के पीछे कई सामाजिक तर्क सुनने को मिलते हैं जैसे महिला को पति की जायदाद में हिस्सा मिल रहा है इसलिए सरनेम बदलना जरूरी है , अथवा पत्नी पति की अर्धांगिनी होती है इसलिए सरनेम में परिवर्तन जरूरी होता है। कुछ लोग ऐसे भी तर्क देते हैं कि नई लड़की जो शादी करके ससुराल में जाती है उसे उसके विवाह के बाद नई पहचान ससुराल में मिलती है। इसलिए भी शादी के बाद सरनेम बदला जाता है। 

लेकिन क्या यह जरूरी हैं अथवा ऐसा कोई नियम संविधान में है जिसमें यह लिखा गया हो कि शादी के बाद सरनेम बदलना आवश्यक है ? 

क्या आप को कानूनी सलाह की जरूरत है ?

क्या शादी के बाद सरनेम बदलना जरूरी है?

इस बात को जानने के लिए बने रहिए हमारे साथ इस आर्टिकल में जहां हम आपको बताएंगे कि शादी के बाद लड़की को अपना सरनेम बदलना जरूरी है अथवा नहीं ।भारत में रहने वाले हर व्यक्ति को अपने मन से कोई भी नाम रखने की स्वतंत्रता है । इसलिए शादी के बाद लड़की को सरनेम बदलना आवश्यक है ऐसा कोई भी नियम संविधान अथवा अन्य किसी जगह पर नहीं है । हाल ही में देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने अपने एक भाषण के माध्यम से इस बात का जिक्र करते हुए कहा था कि ” अभी तक महिलाएं विदेश की यात्रा करती थी तो उनके और उनके पति के सरनेम न मिलने के कारण पासपोर्ट और वीजा में दिक्कत होती थी ‌लेकिन अब महिलाओं को अपने पति का सरनेम रखने की कोई जरूरत या बाध्यता नहीं है । ” इसलिए यह बिल्कुल भी जरूरी नहीं है कि शादी के बाद पत्नी को अपना सरनेम बदलना ही पड़े । यह उसकी इच्छा पर निर्भर करता है यदि पत्नी की इच्छा हो तो वो अपना सरनेम बदले अन्यथा उसकी इच्छा के विपरीत कोई भी जबरन उसका सरनेम नहीं बदला सकता है। शादी के सरनेम और पति की जायदाद में मिली हिस्सेदारी में कोई भी संबंध नहीं है । इसलिए इस बात के लिए भी सतर्क रहना चाहिए कि पति की जायदाद के हिस्सेदारी में पत्नी का सरनेम बदलना बिल्कुल भी जरूरी नहीं है । 

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शादी के बाद अपना सरनेम कैसे न बदलें

शादी के बाद यदि कोई भी व्यक्ति चाहे वह महिला हो अथवा पुरुष, अपना सरनेम बदलने और न बदलने के लिए स्वतंत्र है। इसलिए यदि आप शादी के बाद अपना सरनेम नहीं बदलना चाहते हैं तो इसके लिए आप पर कोई भी दबाव नहीं डाल सकता । 

शादी के बाद सरनेम बदलने की क्या प्रक्रिया है?

यदि शादी के बाद कोई लड़का कानूनी तौर पर अपना सरनेम बदलना चाहता हैं तो उसके लिए निम्नलिखित प्रक्रिया से गुजरना पड़ेगा-

  • 10 रुपए के स्टांप पर एक एफिडेविट बनावाना होगा , जिसमें पूरा मैटर और शादी के पहले और परिवर्तित नाम का उल्लेख करना होगा।
  • मैरिज सार्टीफिकेट स्टांप के साथ संलग्न करना होगा।
  • उपरोक्त दस्तावेजों की नोटरी करवानी होगी।
  • उपरोक्त प्रक्रिया के बाद मीडिया अथवा समाचार पत्र में विज्ञापन देना होगा।

क्या सभी डाक्यूमेंट फिर से बनते हैं अगर सरनेम बदला तो 

सरनेम बदलने के साथ साथ यह जरूरी हो जाता है कि हर डाक्युमेंट बदलने चाहिए । लेकिन आमतौर एक महिला को अपना सरनेम बदलने के लिए इन डाक्युमेंट को आवश्यक रुप से चेंज कर लेना चाहिए क्योंकि नीचे लिखे डाक्युमेंट का उपयोग हमेशा रहता है ।

  • आधार कार्ड
  • पैन कार्ड
  • बैंक पास बुक
  • वोटर आईडी
  • राशन कार्ड

इन दस्तावेज़ के साथ भी अगर आपको अपना उपनाम बदलने में कोई समस्या आ रही तो तो तत्काल लीड इंडिया से सम्पर्क करें, हमारे अनुभवी अधिवक्ता आपको उचित सलाह देकर आपका काम सरल क्र देंगे।

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