क्या कुँवारी बेटी फैमिली पेंशन के लिए एलिजिबल है?

क्या कुँवारी बेटी फैमिली पेंशन के लिए एलिजिबल है?

भारत सरकार ने पारिवारिक पेंशन पाने की पात्रता या एलिजिबल अविवाहित बेटियों के लिए कुछ नियम बनाए हैं। नियमों में बताया गया है कि कैसे और किस राज्य में अविवाहित, विधवा या तलाकशुदा बेटी पारिवारिक पेंशन की पात्र है। आईये आगे जानते है अविवाहित बेटी को पारिवारिक पेंशन मिल सकती है क्या या नहीं। 

पारिवारिक पेंशन के लिए पात्र कौन कौन है?

  1. सभी एकल या सिंगल, विधवा बेटियाँ पारिवारिक पेंशन लेने की पात्र हैं।
  2. अविवाहित और विधवा महिलाओं को पारिवारिक पेंशन का भुगतान किया जाता है, अगर सभी अविवाहित बच्चे 25 साल या उससे ज्यादा की उम्र के हो चुके हैं या कमाई करना शुरू कर चुके हैं।
  3. अगर बेटी की तलाक की डिक्री पास हो जाती है, तो पेंशनभोगी पिता की बेटी पारिवारिक पेंशन की हकदार होती है।

केंद्रीय सिविल सेवा का नियम 54

केंद्रीय सिविल सेवा का नियम 54 एक सामाजिक कल्याण योजना है। इस योजना के तहत ऐसे पेंशनभोगी कर्मचारी जिनकी मृत्यु हो चुकी है उनके पति या पत्नी या बच्चों को आर्थिक राहत दी जाती है।

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नियम 54 के तहत पेंशन पाने का हकदार कौन है?

नियम 54 के तहत पेंशनभोगी के बाद उसकी पेंशन लेने के हकदार निम्नलिखित लोग है –

  1. पेंशनभोगी का जीवनसाथी (पति या पत्नी)
  2. पेंशनभोगी के बच्चे 
  3. पेंशनभोगी के अभिभावक या गार्डियन 
  4. पेंशनभोगी के विकलांग भाई-बहन

अविवाहित बेटी के लिए पात्रता

उप नियम 6 (iii) नियम 54 के तहत जब तक एक अविवाहित बेटी की शादी नहीं हो जाती या अपनी खुद की कमाई शुरू नहीं हो जाती, तब तक वह पारिवारिक पेंशन की पूरी हकदार है।

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जन्म का क्रम

अगर एक अविवाहित बेटी सभी भाई-बहनों में सबसे बड़ी है, तो माता-पिता के जीवित ना होने की स्थिति में वह पारिवारिक पेंशन लेने की हकदार है।

जुडवा

अगर अविवाहित पुत्री की जुड़वाँ बहनें हैं, तो राशि बहनों में बराबर-बराबर बाँट दी जायेगी।

दो पेंशन

अगर माता और पिता दोनों पेंशन योजना द्वारा एफिलिएट हो चुके थे, तो बेटी दो पेंशन राशि लेने की हकदार भी है।

इनकम 

अगर अविवाहित बेटी योजना की लाभार्थी है, तो पहली पेंशन उसकी इनकम नहीं मानी जायेगी।

अडोप्टिड बच्चा

अगर अविवाहित बेटी पति या पत्नी की गोद ली हुई बेटी है तो पारिवारिक पेंशन देने से मना किया जा सकता है।

विकलांग बेटी

बेटी के शारीरिक या मानसिक रूप से विकलांग होने की सिचुएशन में पूरी जिंदगी या 25 साल की उम्र तक पेंशन दी जा सकती है।

तलाकशुदा माता-पिता

अगर अविवाहित बेटी के मृत माता-पिता ने तलाक के लिए पिटीशन फाइल की थी, या उनका डाइवोर्स हो चुका था तो उस सिचुएशन में भी अविवाहित बेटी पारिवारिक पेंशन की हकदार है।

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