ऑनलाइन ब्लैकमेलिंग के खिलाफ लीगल एक्शन

ऑनलाइन ब्लैकमेलिंग के खिलाफ लीगल एक्शन

ब्लैक मेलिंग क्या होती है?

किसी व्यक्ति का कोई राज जो उसने किसी को नहीं बताया हो या कोई भी ऐसा बात जो गोपनीय हो, वह किसी और व्यक्ति को पता चल जाए। फिर यह व्यक्ति उस व्यक्ति को डराये, धमकाये , या उस बात को छिपाने के लिए, उससे कोई कीमत या कुछ काम करवाता है,तो इस बात को ब्लैक मेलिंग कहते हैं।

यदि साफ तौर पर हम ब्लेक मेलिंग को परिभाषित करें तो किसी व्यक्ति को भयभीत करके अथवा धमकी देकर या किसी अन्य तरीके से अपनी किसी नाजायज मांग को पूरा करवाना अथवा करवाने के लिए दबाव बनाना ब्लैक मेलिंग कहलाता है”।

यह ब्लैक मेलिंग ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों ही तरीके से हो सकती है। ऑफलाइन तौर पर आपको जान पहचान वाला कोई व्यक्ति आपकी निजी तस्वीरें खींच सकता है या आपको किसी अन्य तरीके से ब्लैकमेल कर सकता है। तो वही ऑनलाइन में किसी के आपकी कोई जानकारी हासिल हो गई हो, जिसे वो सार्वजनिक करने की धमकी आपको देता हो।

ऐसे मामलों में क्या-क्या काम आते हैं और आप क्या लीगल एक्शन ले सकते हैं

किसी व्यक्ति की किसी भी गोपनीय जानकारी को पब्लिक करने की धमकी देना या किसी को किसी झूठे अपराधिक केस में फंसाना, या फंसाने की धमकी देना ब्लैकमेलिंग में आता है।

भारतीय दंड संहिता 1807 की धारा 384 के अनुसार ब्लैकमेलिंग एक गंभीर अपराध है।

भारतीय दंड संहिता की धारा 503 के मूल प्रावधानों और चोरी अधिनियम 1968 में ब्लैकमेलिंग की परिभाषा बताई गई है।

क्या आप को कानूनी सलाह की जरूरत है ?

ब्लेकमेलिंग करने वालों के लिए धारा 384 में भी दंड का प्रावधान है ।

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यदि कोई आपको ऑफलाइन रूप से ब्लैकमेल कर रहा है, तो आप उसकी कंप्लेन अपने नजदीकी पुलिस स्टेशन में कर सकते हैं। क्योंकि ऐसे मामलों में व्यक्ति किसी न किसी रूप में के आसपास मौजूद होता है। इसलिए आपके केस का निवारण जल्दी हो जाता है। 

आज हम आपको बताने जा रहे हैं की, ऑनलाइन मामलों में ब्लैकमेलिंग से निपटने के लिए आप क्या करें।

1 – सबसे पहले तो अपने सोशल मीडिया या किसी भी अन्य गैजेट पर अपनी जानकारियां सीमित रूप में शेयर करें जिससे कोई भी उनका गलत फायदा ना उठा उठा सके।

2 – सोशल मीडिया पर उन्हीं लोगों से मित्रता करें जिन्हें आप पर्सनली जानते हो।

3 – अगर आपके साथ किसी भी प्रकार की ऑनलाइन ब्लैकमेलिंग होती है, तो उसकी शिकायत नजदीकी पुलिस स्टेशन में ना करके आपके नजदीकी साइबर सेल डिपार्टमेंट में करें।

4 – जब आपको इस प्रकार की शिकायत करने साइबर सेल के डिपार्टमेंट जा रहे हो, तो जिस भी डिवाइस पर आपको धमकी प्राप्त हुई है उसे या उसके सीपीयू को अपने साथ ले जाना ना भूलें।

5 – ऐसे मामलों में घबराए नहीं, बल्कि शांति से सोच समझकर कानून की सहायता लें और अपनी सुरक्षा करें।

6 – ऐसे लोगों की मांगों को स्वीकार कदापि ना करें। क्योंकि इससे उनका मनोबल बढ़ता है और वह आपके बाद अन्य लोगों को भी इसका शिकार बना सकते हैं।

किसी भी तरह की अन्य कानूनी जानकारी अथवा सलाह के लिए आज ही लीड इंडिया से संपर्क करें।

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