नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट (Negotiable Instruments Act) एक कानून है जो नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स (Negotiable Instruments) के प्रबंधन, प्रयोग, और सुरक्षा के बारे में विधियों को निर्धारित करता है। यह अधिनियम भारतीय कानूनी प्रणाली में नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स के लिए महत्वपूर्ण है।
नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स वे वित्तीय दस्तावेज होते हैं जिन्हें धारिता (holder) स्वतंत्रता के साथ इंसाफ़ीय बदले के लिए प्राप्त कर सकता है और जो उन्हें एक अन्य व्यक्ति के लिए भुगतान के लिए बदलने की क्षमता प्रदान करते हैं। इसमें शामिल होते हैं चेक (cheque), हवाला (bill of exchange), प्रमाणित बैंकर्स चेक (certified banker’s cheque), प्रमाणित बैंक ड्राफ्ट (demand draft) और नोट पर हस्ताक्षर किए जाने वाले दस्तावेज़।
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नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट निम्नलिखित मुद्दों पर विचार करता है
- नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट की परिभाषा और लाभांश की सुरक्षा।
- नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट पर हस्ताक्षर करने और प्रस्तुत करने की प्रक्रिया और शर्तें।
- नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट के लिए भुगतान के अवसरों और समय की निर्धारण।
- नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट पर चेक वापसी और नष्टी की प्रक्रिया।
- नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट के प्रत्यायन और सत्यापन की प्रक्रिया।
यह अधिनियम नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स के लिए सुरक्षा और विश्वास को बढ़ावा देता है और व्यापारिक लेनदेन को सुगम और सुरक्षित बनाने में मदद करता है।
नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट में क्या सजा है
नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट (Negotiable Instruments Act) में धारा 138 में धोखाधड़ी के मामलों के लिए सजा की प्रावधानिक व्यवस्था है। यह धारा चेक (cheque) के अवितरण के संदर्भ में होने वाली पारदर्शिता के अपवाद के मामलों के लिए लागू होती है।
धारा 138 के अनुसार, जब कोई चेक के भुगतान को अस्वीकार करता है और चेक की रकम की भुगतान के लिए पुनः अपील करने की अवधि में नहीं देता है, तो धोखाधड़ी के मामले में उस पर दंडित किया जा सकता है। ऐसे मामलों में, दोषी को निम्नलिखित प्रावधानों के अनुसार सजा हो सकती है:
दंड
धोखाधड़ी के मामले में दोषी को न्यायिक अधिकारी द्वारा दंडित किया जा सकता है। धारा 138 के तहत, दोषी को दंड के रूप में निम्नलिखित सजा का सामर्थ्य होता है
- सजा कार्यान्वित करने के लिए उपयुक्त धनराशि का भुगतान करना
- अपील करने योग्य अवधि के अंदर नहीं भुगतान करने पर जुर्माना धनराशि
जुर्माना
दोषी को राशि का दोगुना जुर्माना भी भरना पड़ सकता है तथा दो साल तक की जेल भी हो सकती है।
यह धारा और सजा का विवरण नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट के तहत धोखाधड़ी के मामलों के लिए है, जिसमें चेक द्वारा भुगतान करने से संबंधित मामलों को सम्मिलित किया जाता है।
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