कोर्ट के आदेशों का पालन ना करने पर हाईकोर्ट ने तीन महीने की सजा सुनाई।

दिल्ली हाई कोर्ट ने वैवाहिक विवाद

दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा एक व्यक्ति को बार बार न्यायालय के आदेश की अवज्ञा करने पर सजा सुनाई गई थी। न्यायालय द्वारा बार बार दिये जा रहे निर्देशों की अवमानना करने से कुपित हुए न्यायालय ने व्यक्ति पर अर्थदंड लगाकर दण्डित किया है।  दिल्ली हाई कोर्ट के एक वैवाहिक विवाद के मामले में एक व्यक्ति …

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महिला पार्टनर अगर झूठा केस करे तो क्या काउंटर केस किया जा सकता है?

वाइफ या गर्लफ्रेंड द्वारा झूठा केस करने पर क्या बदले में उन्ही पर केस किया जा सकता है?

किसी भी मुकदमे या केस को फाइल करने के लिए सबसे पहला स्टेप सीआरपीसी एक्ट के सेक्शन 154 के तहत फर्स्ट इनफार्मेशन रिपोर्ट या एफआईआर करना होता है। इसके बाद एक्ट के तहत आपके केस की आपराधिक कार्यवाही (criminal Proceedings) शुरू कर दी जाती है। फर्स्ट इनफार्मेशन रिपोर्ट या एफआईआर वह डॉक्युमेंट होता है जिसमे …

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शादी का रजिस्ट्रेशन कराने से पहले इन बातों का ध्यान रखें।

शादी का पंजीकरण कराते समय इन बातों का ध्यान रखें

भारतीय संस्कृति में विवाह को एक पवित्र संस्कार माना जाता है। यह दो व्यक्तियों के बीच शेष जीवन एक साथ बिताने के लिए एक पवित्र व्यवस्था है। विवाह में प्रवेश करने के बाद अपनी शादी को पंजीकृत करना सबसे महत्वपूर्ण और जिम्मेदारी का  काम है। शादी का पंजीकरण कराना बहुत ही आवश्यक और मददगार भी …

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रजिस्टर्ड रेंट एग्रीमेंट कराने का क्या फायदा है?

रजिस्टर्ड रेंट एग्रीमेंट कराने का क्या फायदा है?

एक रेंट एग्रीमेंट किसी भी विवाद या किसी भी पक्ष द्वारा किए गए किसी भी उल्लंघन के मामले में दोनों पक्षों की रक्षा करने में मदद करता है। यह मालिक की संपत्ति को सुरक्षा प्रदान करता है और किरायेदारों को मालिक की गैरकानूनी मांगों से भी बचाता है। एक अच्छी तरह से तैयार किए गए …

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विवाह पंजीकरण के क्या लाभ हैं?

विवाह पंजीकरण के क्या लाभ हैं?

विवाह पंजीकरण प्रमाणपत्र एक कानूनी दस्तावेज है जो एक जोड़े की वैवाहिक स्थिति को सत्यापित करता है। यह एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है जिसका उपयोग यह सत्यापित करने के लिए किया जा सकता है कि आप कानूनी रूप से किसी से विवाहित हैं। साथ ही कई अन्य चीजों के लिए भी। विवाह प्रमाणपत्र अनिवार्य रूप से …

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इनकम टैक्स पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कैसे करें?

इनकम टैक्स पोर्टल पर खुद को कैसे रजिस्टर करें?

टैक्स वह अमाउंट होता है जिसे कानूनी रूप से सरकार द्वारा सभी सामानों और सेवाओं के खरीदने या बेचने पर लगाया जाता है। यह टैक्स आम जनता द्वारा सरकार को डायरेक्टली और इनडायरेक्टली दिया जाता है। उदाहरण के लिए, जब भी एक आम आदमी कोई चीज खरीदता है जैसे – बिस्कुट, फिनायल, झाड़ू, आदि, तब …

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कंपनी एक्ट 2013 के तहत जरूरी नियम क्या है?

कंपनी एक्ट 2013 के तहत जरूरी नियम क्या है?

भारत में बहुत तेज़ी से एंटरप्रन्योर बढ रहे है। एंटरप्रन्योर वह होते है जो पैसा लगा कर एक नए बिज़नेस की शुरुवात करते है। जैसे-जैसे एंटरप्रन्योर की संख्या बढ़ रही है, वैसे ही नई कंपनियों के पंजीकरण या रजिस्ट्रेशन की संख्या भी भारत में तेजी से बढ़ती हुई देखी गयी है। ज़्यादातर सभी एंटरप्रन्योर के …

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नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट के जरूरी प्रावधान कौन-से है?

नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट के विशेष प्रावधान क्या है?

परक्राम्य लिखत अधिनियम या नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट वर्ष 1881 में लाया गया था। जिसे बैंकिंग और वाणिज्यिक लेनदेन के विकास को आसान बनाने के लिए पेश किया गया था। यह अधिनियम ब्रिटिश शासन के दौरान लागू किया गया था और आज तक, अधिकांश प्रावधान अभी भी अपरिवर्तित हैं। अधिनियम का उद्देश्य परक्राम्य लिखत प्रणाली के …

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तलाक लेने की सबसे आसान प्रक्रिया क्या है?

तलाक लेने की सबसे आसान प्रक्रिया कौन से है?

तलाक उन चरणों में से एक है जिससे कभी कोई विवाहित जोड़ा गुजरता है। भारत में तलाक एक व्यक्तिगत मामला है। साथ ही यह धर्म से जुड़ा हुआ है। हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 जैनियों, सिखों, हिंदुओं और बौद्धों के लिए तलाक कि प्रक्रिया को नियंत्रित करता है। मुसलमानों के तलाक कानून मुस्लिम विवाह अधिनियम, 1939  …

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भारत में किन मैरिज एक्ट्स के तहत शादियां रजिस्टर होती है।

भारत में किन मैरिज एक्ट्स के तहत शादियां रजिस्टर होती है।

भारत में शादी करना एक बहुत एहम फैसला माना जाता है। इसे एक पवित्र बंधन समझा जाता है। साथ ही, इसे धूम-धाम से मनाया भी जाता है। हालाँकि, यह समझना जरूरी है कि जितनी धूम-धाम से शादी की जा रही है उतना ही जरूरी है उस शादी को कानून की नज़र में मान्य करना। एक …

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