वाइफ द्वारा हस्बैंड को पेरेंट्स से अलग रहने के लिए मजबूर करना मानसिक क्रूरता- हाई कोर्ट

वाइफ द्वारा हस्बैंड को पेरेंट्स से अलग रहने के लिए मजबूर करना मानसिक क्रूरता- हाई कोर्ट

जज गौतम भादुड़ी और जज एनके चंद्रवंशी की बेंच ने 27 फरवरी 2017 को कोरबा की एक फैमिली कोर्ट के आर्डर को चुनौती दी। यह चुनौती एक हस्बैंड द्वारा फाइल की गयी पिटीशन पर सुनवाई करते समय दी गयी थी। बेंच के अनुसार अगर कोई वाइफ अपने हस्बैंड को उसके पेरेंट्स से अलग करने पर …

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क्या एक एडवोकेट एक से ज्यादा स्टेट के बार एसोसिएशन का मेंबर बन सकता है?

क्या एक एडवोकेट एक से ज्यादा स्टेट के बार एसोसिएशन का मेंबर बन सकता है?

बार एसोसिएशन लॉयर्स की एक एसोसिएशन या प्रैक्टिस करने वाला एक ग्रुप सिस्टम होता है। भारत में, कुछ बार एसोसिएशन लॉयर्स के कंडक्ट को रेगुलेट करने का काम करती हैं, जबकि बाकि कुछ एसोसिएशनस ऐसी हैं, जो अपने मेंबर्स को सर्व करती हैं, और बाकी कुछ अस्सोसिएशन्स दोनों काम करती है।एडवोकेट एक्ट, 1961 के सेक्शन …

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एलआईसी के आईपीओ को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती

एलआईसी के आईपीओ को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती

सुप्रीम कोर्ट, मद्रास हाई कोर्ट, बॉम्बे हाई कोर्ट, मनी बिल, फाइनेंस एक्ट, लाइफ इन्शुअरन्स एक्ट, 1956, एलआईसी, आईपीओ (प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश) सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को केंद्र सरकार के उस फैसले के खिलाफ पिटीशंस में अंतरिम राहत देने से मना कर दिया, जिसमें एलआईसी में अपनी हिस्सेदारी का 5% आरंभिक सार्वजनिक पेशकश (IPO) [थॉमस फ्रेंको …

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चाइल्ड कस्टडी के लिए पुरुषों के क्या अधिकार है?

चाइल्ड कस्टडी के लिए पुरुषों के क्या अधिकार है

जब एक मैरिड कपल एक साथ रहने को तैयार नहीं होते और डाइवोर्स लेने का फैसला लेते है, तो उस सिचुएशन में सबसे ज्यादा पीड़ित उनका 18 साल से कम उम्र का बच्चा होता है, जो उस कपल से पैदा हुआ है। वह बच्चा कस्टडी के नाम पर अपने पेरेंट्स से अलग हो जाता है। …

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तीन तलाक भारत में गैरकानूनी है।

तीन तलाक भारत में गैरकानूनी है।

तलाक! तलाक! तलाक! आपने फिल्मों में सुना और देखा होगा कि कैसे मुस्लिम हस्बैंड तीन बार तलाक कहकर अपनी वाइफ को तलाक दे देते है और तुरंत उन्हें छोड़ देते है। इस सिचुएशन में वाइफ अपनी शादी को बचाने के लिए कोई उपाय ना होने पर बेसहारा रह जाती है। आज इस ब्लॉग में हम …

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क्या वाइफ अपने हस्बैंड से अलग घर में रहने पर भी मेंटेनेंस की हकदार है?

क्या वाइफ अपने हस्बैंड से अलग घर में रहने पर भी मेंटेनेंस की हकदार है

दिल्ली हाई कोर्ट के अनुसार एक वाइफ अपने हस्बैंड से अलग रहने पर भी हस्बैंड से मेंटेनेंस लेने की हकदार है, चाहे हस्बैंड वाइफ एक ही घर में रहते हो या अलग अलग घर में। इस साल की शुरुआत में, इंटरिम मेंटेनेंस के लिए एक महिला की पिटीशन को स्वीकार करते हुए, दिल्ली हाई कोर्ट …

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निंबूज़: एक नींबू पानी या फलों का रस।

निंबूज़: एक नींबू पानी या फलों का रस।

‘निंबूज़’ एक फ्रूट जूस है या नींबू पानी, इस विवाद का फैसला सुप्रीम कोर्ट को करना है। गर्मियों में कौन नींबू पानी नहीं पीना चाहता! इस बढ़ते टेम्परेचर के साथ जूस और नींबू पानी की डिमांड भी बढ़ जाती है। हालाँकि, अगर आप सोशल मीडिया पर ट्रेंड करने के लिए ‘निंबूज़’ देखते हैं, तो आपको …

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भारत के महानगरीय शहरों में नशे में गाड़ी चलाने के परिणाम।

भारत के महानगरीय शहरों में नशे में गाड़ी चलाने के परिणाम।

सारे शहर में कुल मिलाकर 70,03,012 अलग-अलग क्रिमिनल केसिस फाइल हुए है। हादसों की अहम वजह गाडी चलाने की तेज रफ्तार मानी जा रही है। शराब पीकर गाड़ी चलाने के केस में से, 10,109 केस कोर्ट में चार्जशीट किए गए हैं और कोर्ट ने शराब के नशे में गाडी चलाने वाले ड्राइवर्स से 10,49,61,000 रुपये …

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हिंदू कानून के तहत बच्चे की मेंटेनेंस का अधिकार।

हिंदू कानून के तहत बच्चे की मेंटेनेंस का अधिकार।

बच्चों के पालन-पोषण में उनके बचपन की देखभाल एक बहुत जरूरी रोल निभाती है। दोनों पेरेंट्स इसका एक अविश्वसनीय रूप से जरूरी हिस्सा है। फ्यूचर में बच्चे की क्षमता और निपुणता उसके बचपन की देखभाल और सपोर्ट पर डिपेंड होती है। यह माता और पिता दोनों की जिम्मेदारी है कि वे अपने बच्चे की उन्नति …

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दिल्ली हाई कोर्ट ने बच्चे को उसके मानित पिता से मिलने का अधिकार दिया।

दिल्ली हाई कोर्ट ने बच्चे को उसके मानित पिता से मिलने का अधिकार दिया।

दिल्ली हाई कोर्ट ने बच्चों और पेरेंट्स के लिए एक अहम फैसला दिया। यह फैसला था कि एक नाबालिग़ बच्चे को उसके ‘मानित पिता’ (Putative Father) होने का दावा करने वाले पुरुष से मिलने का पूरा अधिकार है। एक नाबालिग़ बच्चे की पर्सनल ग्रोथ और डेवेलप्मेंट के लिए दोनों पेरेंट्स, माता और पिता का लाड …

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