वाइफ द्वारा हस्बैंड पर मैरिटल रेप का केस सही या गलत।

वाइफ द्वारा हस्बैंड पर मैरिटल रेप का केस सही या गलत।

दिल्ली हाई कोर्ट में एडवोकेट अमित कुमार की तरफ से एक पिटिशन फाइल की गयी थी। इस पिटिशन को फाइल करने का उनका उद्देशय था कि जब तब भारतीय दंड संहिता का सेक्शन 375 का एक्सेप्शन 2 शादी के बाद हस्बैंड, वाइफ द्वारा बनाये गए सेक्सुअल रिलेशन को रेप के अपराध से छूट देता है। …

वाइफ द्वारा हस्बैंड पर मैरिटल रेप का केस सही या गलत। Read More »

इंटर-रिलीज़न मैरिज से हुई बेटी अपने पिता से शादी का कितना खर्च लेने की हकदार है?

इंटर-रिलीज़न मैरिज से हुई बेटी अपने पिता से शादी का कितना खर्च लेने की हकदार है?

भारत के संविधान के अनुसार एक लड़का और लड़की की शादी होने के बाद, उनके बच्चों की सारी जरूरतों को पूरा करने की ज़िम्मेदारी बच्चों के पिता की होती है। तो अब सवाल यह है कि अगर हस्बैंड और वाइफ अलग-अलग धर्मों से बिलोंग करते हो। मतलब कपल की इंटर-रिलीज़न मैरिज हुई हो, तो क्या …

इंटर-रिलीज़न मैरिज से हुई बेटी अपने पिता से शादी का कितना खर्च लेने की हकदार है? Read More »

भारत में डाइवोर्स के बाद वाइफ के प्रॉपर्टी के अधिकार क्या है?

भारत में डाइवोर्स के बाद वाइफ के प्रॉपर्टी के अधिकार क्या है?

डाइवोर्स का सीधा और सरल मतलब है, कपल का कानूनी तौर पर अलग होना। यह कपल के इमोशनल स्ट्रेस की वजह तो है ही। साथ ही, डाइवोर्स के चलते कई कानूनी मुद्दे हैं, जिन पर चर्चा करने की जरूरत होती है। इनमे से एक महत्वपूर्ण मुद्दा है, डाइवोर्स के बाद “प्रॉपर्टी का बँटवारा”। आईये जानते …

भारत में डाइवोर्स के बाद वाइफ के प्रॉपर्टी के अधिकार क्या है? Read More »

भारत में डाइवोर्स के लिए पुरुषों के अधिकार क्या है?

भारत में डाइवोर्स के लिए पुरुषों के अधिकार क्या है?

कानून के तहत, सभी के साथ सेम बीहेवियर होना चाहिए। लेकिन कई बार अलग-अलग सिचुऎशन्स के चलते कानून में भी फर्क करना पड़ता है। जैसे भारत में पुरुषों और महिलाओं के लिए डाइवोर्स लेने की प्रोसेस, तरीके और शर्तों में अंतर है। उदाहरण के लिए, हिंदू मैरिज एक्ट में दोनों पार्टनर्स भरण-पोषण के लिए दावा …

भारत में डाइवोर्स के लिए पुरुषों के अधिकार क्या है? Read More »

भारत में अडल्ट्री से जुड़े नए कानून क्या है?

भारत में अडल्ट्री से जुड़े नए कानून क्या है

“एक्स्ट्रा मैरिटल सेक्स” को अडल्ट्री कहते है। मतलब, जब एक मैरिड व्यक्ति अपनी वाइफ या हस्बैंड के अलावा किसी और के साथ सेक्सुअल रिलेशन्स बनाता है, तो इसे अडल्ट्री माना जाता है। इसे भारतीय समाज में सम्मान की नज़र से नहीं देखा जाता। भारत के पुराने क़ानून के अनुसार, वाइफ को हस्बैंड की पर्सनल प्रॉपर्टी …

भारत में अडल्ट्री से जुड़े नए कानून क्या है? Read More »

अगर पार्टनर जान-बूझकर आपको छोड़ दे

अगर आपका पार्टनर जान-बूझकर आपको छोड़ दे तो क्या करें?

शादी की डोर बहुत नाज़ुक होती है। कई बार ये किसी कारण से टूट भी जाती है। लेकिन अगर किसी व्यक्ति का पार्टनर उसे बिना किसी गलती के ही हमेशा के लिए छोड़ कर चला जाये तो क्या इसके लिए कोई कानून है? जी हाँ। कानून की भाषा में इसे “डीज़रशन” या “परित्याग” कहते हैं। …

अगर पार्टनर जान-बूझकर आपको छोड़ दे Read More »

डाइवोर्स के बाद महिलाओं के एलिमनी से जुड़े अधिकार क्या है?

डाइवोर्स के बाद महिलाओं के मेंटेनेंस से जुड़े अधिकार क्या है?

शादी एक ज़िन्दगी भर का कमिटमेंट होता है। जब दो लोगों की शादी होती है। तो एक दूसरे की तरफ उनके कुछ कर्तव्य भी होते है। दुर्भाग्यवश कुछ शादियां टूट जाती है। लेकिन शादी टूटने या डाइवोर्स होने पर भी सारे दायित्व ख़त्म नहीं होते है। जैसे की डाइवोर्स के बाद भी एलिमनी देना, बच्चों …

डाइवोर्स के बाद महिलाओं के एलिमनी से जुड़े अधिकार क्या है? Read More »

भारत में चाइल्ड कस्टडी से जुड़े कानून क्या है?

भारत में चाइल्ड कस्टडी से जुड़े कानून क्या है?

भारत में 18 साल से कम उम्र के बच्चे की कानूनी गार्डियनशिप को बच्चे की कस्टडी कहा जाता है। चाइल्ड कस्टडी दो तरीके की होती है। फिजिकल कस्टडी और लीगल कस्टडी। फिजिकल कस्टडी का मतलब बच्चे के खाने, पढ़ाई और परवरिश की जिम्मेदारी लेना होता है। लेकिन लीगल चाइल्ड कस्टडी में गार्डियन के पास बच्चे …

भारत में चाइल्ड कस्टडी से जुड़े कानून क्या है? Read More »

कोर्ट मैरिज सही प्रोसेस से परफॉर्म ना करने के परिणाम।

कोर्ट मैरिज सही प्रोसेस से ना करने के परिणाम।

आजकल, लोग कई कारणों से जल्दबाज़ी में कोर्ट मैरिज कर लेते है। कारण कुछ भी हो सकता है जैसे – समय की कमी, पैसों की बचत या फिर फैमिली की मर्जी के बिना अपने प्यार से शादी करना, आदि। लेकिन यह जानना जरूरी है कि कोर्ट मैरिज करने का सही प्रोसीजर क्या है? क्योंकि कानूनी …

कोर्ट मैरिज सही प्रोसेस से परफॉर्म ना करने के परिणाम। Read More »

हिंदू मैरिज एक्ट, 1955 के तहत जुडीशियल सेपरेशन और डाइवोर्स का क्या दायरा है?

हिंदू मैरिज एक्ट, 1955 के तहत जुडीशियल सेपरेशन और डाइवोर्स का क्या दायरा है?

जुडीशियल सेपरेशन और डाइवोर्स दोनों अलग है। आईये जानते है कोर्ट के अनुसार इन दोनों के क्या दायरे है। जुडीशियल सेपरेशन और डाइवोर्स के दायरे:- (1) हिंदू मैरिज एक्ट, 1955 के सेक्शन 13(1) के तहत जुडीशियल सेपरेशन और डाइवोर्स दोनों सेम आधारों पर मिलते है, लेकिन दोनों अलग-अलग तरह राहत पहुंचाते है। (2) जुडीशियल सेपरेशन …

हिंदू मैरिज एक्ट, 1955 के तहत जुडीशियल सेपरेशन और डाइवोर्स का क्या दायरा है? Read More »