भारत में इललीगल रूप से रहने वाले लोगों के लिए क्या सजा है?

भारत में इललीगल रूप से रहने वाले लोगों के लिए क्या सजा है?

अवैध प्रवासी किसे कहते हैं?

इललीगल इमिग्रेंट्स या अवैध अप्रवासी उन लोगों को कहा जाता है जो एक देश के इमीग्रेशन के कानूनों का उल्लंघन करके उस देश में रहते हैं, या उस देश में रहने के कानूनी अधिकार के बिना उस देश में रहते हैं।

लोग शांति, आर्थिक सुरक्षा और बेहतर तरीके से अपने जीवन को जीने की तलाश में ही एक देश से दूसरे देश में जाते हैं। इस तरह का माइग्रेशन एक पूरी दुनिया में चलता रहता है। सभी देश माइग्रेशन का संचालन करने और इललीगल माइग्रेशन को रोकने के लिए हर संभव कोशिश करते है, फिर भी इनमें से कई कोशिशें व्यर्थ रहती हैं। इललीगल माइग्रेशन से देश की जनसँख्या और समाज में पड़ने वाले बहुत सारे बदलाव आते है। इससे नए लोगों और पहले से रह रहे स्थानीय लोगों के बीच तनाव और शत्रुता भी बढ़ जाती है। 

क्या आप को कानूनी सलाह की जरूरत है ?

इललीगल इमिग्रेंट्स से खतरा

भारत ने इललीगल माइग्रेशन को रोकने और सीमित करने में बहुत कम प्रगति की है। भारत के लिए पूर्वोत्तर (north-east) राज्यों में इस मामले की स्थिति खतरनाक है। बांग्लादेश के इललीगल इमिग्रेंट्स ने भारत की सीमा पर आस-पास के राज्यों को बहुत नुकसान पहुंचाया है। बांग्लादेश के साथ भारत की तीन तरफ से सीमा जुडी हुई है। बांग्लादेश से बड़े पैमाने पर आने वाले इललीगल इमिग्रेंट्स असम और ऐतिहासिक जगहों के लिए एक खतरा है जो दोनों देशों के बीच टकराव की स्थिति बना सकते है।

इललीगल इमिग्रेंट्स एक्ट क्या है?

अवैध प्रवासी (न्यायाधिकरणों द्वारा निर्धारण) अधिनियम, 1983 इंदिरा गांधी प्रशासन द्वारा पास किया गया था। यह एक्ट केवल असम राज्य में 15 अक्टूबर, 1983 को प्रभाव में आया था हालाँकि, यह पूरे भारत में लागू हुआ था। 1946 में लागू हुए भारत के फोर्नर्स एक्ट ने भारत के अन्य सभी राज्यों को कवर किया हुआ है।

इसे भी पढ़ें:  इंटिमेशन लेटर का कपल की सुरक्षा में क्या महत्व है?

इललीगल इमिग्रेंट्स एक्ट किस पर लागू होता है?

इललीगल इमिग्रेंट्स एक्ट के सेक्शन 3(सी) में अवैध रूप से रहने वाले लोगो को परिभाषित किया गया है। इस सेक्शन के अनुसार कोई भी व्यक्ति जो नीचे बताये गयी लिस्ट के अनुसार ही भारत के अंदर रह रहा है वह व्यक्ति एक अवैध अप्रवासी या इललीगल इमिग्रेंट है। 

  1. अगर वह लोग 25 मार्च, 1971 के बाद भारत में रहने के लिए आए है।
  2. अगर वह लोग विदेशी नागरिक है और बिना जरूरी कानूनी प्रक्रिया के ही भारत में रह रहे है।
  3. अगर उन लोगों ने वर्तमान पासपोर्ट या पहचान के किसी अन्य डॉक्यूमेंट के बिना ही भारत में प्रवेश किया है।

इललीगल इमिग्रेंट्स एक्ट किस पर लागू नहीं होता है?

यह वो लोग है जिनपर यह एक्ट लागू होता है और अगर कोई भी व्यक्ति इस क्राइटीरिया में आता है तो वह भारत में एक अवैध प्रवासी यानि इललीगल इमिग्रेंट है। अब हम उन लोगों के बारे में बात करेंगे जिनपर यह कानून लागू नहीं होता है। ऐसे लोगों के बारे में इस एक्ट के सेक्शन 2 में बताया गया है 

  1. कोई भी ऐसा व्यक्ति जो भारत की किसी भी अंतर्राष्ट्रीय सीमा से प्रवेश करते समय विदेशी है। 
  2. कोई भी ऐसा विदेशी व्यक्ति जो वैध पासपोर्ट और वीज़ा के साथ भारत में आया हो और अपने वीज़ा के अनुसार समय सीमा ख़त्म होने के बाद भी भारत में रह रहा हो
  3. कोई भी व्यक्ति जिसे इस एक्ट के शुरू होने से पहले या किसी अन्य एक्ट के तहत भारत से निर्वासित (deported) किया गया हो। निर्वासित करने का मतलब किसी व्यक्ति को जबरदस्ती देश छिड़ने के लिए मजबूर करना क्योंकि उस व्यक्ति को उस देश में रहने का कोई अधिकार नहीं है।
इसे भी पढ़ें:  क्या हाई कोर्ट एंटीसिपेटरी बेल की पिटीशन पर विचार करने से मना कर सकता हैं?

भारत में अवैध प्रवासियों के लिए क्या सजा है?

ऐसे व्यक्ति भारत की नागरिकता केने के लिए पात्र नहीं है और फिर भी वह यहां छिप के इललीगल तरीके से रह रहे है तो भारतीय कानून के अनुसार ऐसे लोगों को जुर्माना और दो साल से लेकर आठ सालों तक की जेल की सज़ा देने का प्रावधान है। 

किसी भी प्रकार की कानूनी सहायता के लिए लीड इंडिया से सम्पर्क कर सकते है। यहां आपको पूरी सुविधा दी जाती है और सभी काम कानूनी रूप से किया जाता है। लीड इंडिया के एक्सपर्ट वकील आपकी हर तरह से सहयता करेंगे। हमसे सम्पर्क करने के लिए आप उपर Talk to a Lawyer पर अपना नाम और फ़ोन नंबर दर्ज कर सकते है।

Social Media