भारत के संविधान के अनुसार किसी भी 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को नाबालिग माना जाता है । यदि किसी नाबालिग बच्चे के साथ किसी भी तरह का सेक्सुअल क्राइम होता है तो उसका निस्तारण पाक्सो कानून के अंतर्गत होता है । इस तरह के मुकदमों की स्पेशल कोर्ट सुनवाई करता है । पाक्सो कानून के तहत ऐसे मामलों में कम से कम 7 साल और अधिक से अधिक उम्रकैद की सजा का प्रावधान है।
पाक्सो नियम क्या है?
पाक्सो एक्ट (POCSO ACT) भारत की सरकार के द्वारा लागू किया गया एक विशेष अधिनियम है जिसके अनुसार नाबालिग बच्चों के प्रति होने वाले यौन शोषण पर अंकुश लगाने से संबधित प्रावधान किए गए हैं।
POSCO एक्ट का फुल फ़ार्म Protection of Children Against sexual Offence है । हिंदी में इसका अर्थ यौन अपराधों से बच्चों की सुरक्षा से है । इस एक्ट के माध्यम से देश में बच्चों के साथ होने वाले यौन अपराध , यौन उत्पीड़न और पोर्नोग्राफी के प्रति संरक्षण प्रदान किया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य देश में बच्चों के खिलाफ होने वाले यौन अपराधों को रोकना है।
पाक्सो नियम को मुख्य रूप से दो श्रेणियों में रखा गया है । दोनों प्रकार के अपराधों में अलग अलग सजा का प्रावधान किया गया है।
- 12 साल से ज्यादा के बच्चों के प्रति यौन अपराध – यदि जिस बच्चे का साथ यौन अपराध हुआ है , जिसकी उम्र 12 वर्ष से अधिक तथा 16 वर्ष से कम है तो आरोप सिद्ध होने के बाद आरोपी को पाक्सो एक्ट के अनुसार कम से कम 10 साल एवं ज्यादा से ज्यादा 20 साल की कैद का प्रावधान है ।
- 12 साल से कम के बच्चों के प्रति यौन अपराध – 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के साथ हुए यौन अपराध में पाक्सो एक्ट के तहत आजीवन कारावास एवं मृत्युदंड का प्रावधान है।
क्या शिक्षक का अपनी छात्रा से शादी करना ग़लत है?
इस विषय को अलग अलग नजरिए से देखा जा सकता है ।
पहला – चूंकि शिक्षक और छात्र दोनों ही इंसान हैं इसलिए दोनों के पीछे भावनात्मक जुड़ाव हो सकता है , प्यार हो सकता है इसलिए शादी भी हो सकती है ।भारत का संविधान किसी भी व्यक्ति को अपनी इच्छा के अनुसार अपना जीवन साथी चुनने की आज़ादी देता है ।
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दूसरा – सामाजिक परिदृश्य के अनुसार शिक्षक का स्थान बहुत ऊंचा बताया गया है इसलिए समाज में एक शिक्षक यदि अपनी छात्रा के साथ शादी करता है तो उसका सामाजिक स्तर नीचे गिर जाता है ।
क्या शादी बलात्कार के अपराध को कम कर सकता है?
चूंकि बलात्कार शारीरिक अपराध से अधिक मानसिक अपराध है । इसलिए शादी करने के बाद भी व्यक्ति के मन से बलात्कारी दुर्भावना का निष्कासन हो जाए यह आवश्यक नहीं । लेकिन बहुत हद तक शादी के बाद बलात्कार जैसे गंभीर अपराधों पर रोक लग जाती है ।
हालांकि इस समय एक मुद्दा विशेष रूप से भारत में चल रहा है ‘मैरिटल रेप’ अर्थात शादी के बाद होने वाला रेप ! इसके अनुसार कई मामलों में पुरुषों द्वारा अपनी पत्नी की इच्छा के विरुद्ध भी संबंध बनाया जाता है ।
इसलिए शादी बलात्कार को कम कर सकती है लेकिन शादी से बलात्कार बिल्कुल खत्म हो सकते हैं ऐसा बिल्कुल भी नहीं कहा जा सकता।
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