भारत में नाबालिग लड़की से शादी करने के क्या परिणाम होते हैं?

भारत में नाबालिग लड़की से शादी करने के क्या परिणाम होते हैं

18 वर्ष से कम उम्र की नाबालिग लड़की का असमय विवाह और सम्भोग इसके लिए सहमति देने की उसकी क्षमता को सुनिश्चित नहीं करता है। हमारे देश मे नाबालिग लड़की से विवाह करना अपराध की श्रेणी में आता है। हालांकि कई निजी कानून ऐसे भी हैं जिनमें कई बार ऐसा देखने में आता है। 

आइये आज इस लेख के माध्यम से हम यह समझने का प्रयत्न करते हैं कि भारत में

नाबालिग लड़की से शादी करने पर क्या परिणाम होते हैं?

भारत उन देशों में से एक है जो महिलाओं को देवी के रूप में मानते हैं लेकिन बाल विवाह की दर भी सबसे अधिक है। बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 (पीसीएमए) 18 वर्ष से कम उम्र की लड़कियों के बाल विवाह पर प्रतिबंध लगाता है और उन्हें दंडित करता है। 

बाल विवाह निरोधक अधिनियम, 1929 में बालिका को ऐसे व्यक्ति के रूप में परिभाषित किया गया है जिसने 18 वर्ष की आयु पूरी नहीं की है। और पति को एक नाबालिग बालिका से शादी करने के लिए दंडित करता है। जिसे बाद में पीसीएमए द्वारा निरस्त कर दिया गया था। बाल विवाह निषेध अधिनियम (पीसीएमए) लड़कियों की शादी की न्यूनतम कानूनी उम्र 18 वर्ष करने का निर्देश देता है और इससे कम उम्र के विवाह बच्चे के अनुरोध पर भी अमान्य हैं। 

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यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम, 2012 (पॉक्सो) भी 18 वर्ष से कम आयु के किसी भी बच्चे पर यौन अपराधों के लिए दंड देता है। धारा 375 का अपवाद (2) 15 वर्ष से कम उम्र की विवाहित लड़कियों द्वारा झेले जाने वाली यौन हिंसा के खिलाफ आवाज़ उठाने के लिए तय किया गया था। जिसे बाद में रद्द कर दिया गया था। 

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भारत मे नाबालिग लड़की से विवाह करना तो जुर्म है ही उंस से किसी भी प्रकार का यौन सम्बन्ध बनाया जाना भी जुर्म है। बल्कि ऐसे कृत्य को बालात्कार की श्रेणी में रखा जाता है। 

मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने अजय जाटव बनाम मध्य प्रदेश राज्य (2021) के मामले में नाबालिग पत्नी के साथ शारीरिक संबंध को बलात्कार की श्रेणी में रखा। आरोपी पर अपनी पत्नी के साथ बलात्कार का आरोप लगाया गया था, जिसकी उम्र 18 वर्ष से कम थी

किसी भी नाबालिग लड़की से विवाह करने पर बाल विवाह निषेध अधिनियम लागू होता है। जिसके अंतर्गत इसे अपराध घोषित किया गया है। 

इस अधिनियम के तहत लड़के की शादी की उम्र 21 साल और लड़की की 18 साल तय की गई है। 18 वर्ष की आयु प्राप्त करने के 2 वर्ष के भीतर बाल विवाह करने वाली लड़की द्वारा अशक्तता की डिक्री प्राप्त की जा सकती है। साथ ही यह नाबालिग लड़कियों से शादी करने को अपराध भी बनाता है।

इस कानून के तहत अपराध की श्रेणी में आता है:

  1. बाल विवाह में भाग लेने या भाग लेने के लिए (माता-पिता या अभिभावक के रूप में)
  2. बाल विवाह (माता-पिता या अभिभावक के रूप में) को अनुमति देने, प्रोत्साहित करने या रोकने में विफल रहने के लिए।
  3. किसी भी तरह से बाल विवाह करने या उसमें मदद करने के लिए।
  4. एक वयस्क पुरुष के लिए एक नाबालिग लड़की से शादी करना।

नाबालिग लड़की से शादी करने की सूचना प्राप्त हो तो कैसे रोके सकते हैं?

यदि आपके पास ऐसी कोई सूचना है जहाँ एक वयस्क पुरुष द्वारा किसी नाबालिग से विवाह कर रहा है तो आप पहले ही इसकी शिकायत कर सकते हैं इसके लिए आपको निम्न काम करना होगा:

  1. सीधे एक जिला न्यायालय में जा सकते हैं और एक आवेदन कर सकते हैं- न्यायाधीश एक आदेश पारित कर सकते हैं जिसमें शामिल लोगों को बाल विवाह में भाग नहीं लेने का निर्देश दिया जा सकता है।
  2. बाल विवाह को रद्द करने में मदद के लिए हम बाल विवाह निषेध अधिकारी के पास जा सकते हैं।
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