भारतीय संविधान में, युवा अधिकारों के अलग-अलग तरह के अधिकारों की बात की गई है। कुछ महत्वपूर्ण युवा अधिकारों की सूची निम्नलिखित है
मौलिक अधिकार
भारतीय संविधान ने हर नागरिक को विभिन्न मौलिक अधिकार प्रदान किए हैं, जिनमें स्वतंत्रता और अच्छी व्यवस्था, मताधिकार, समानता और संरक्षण शामिल हैं। ये अधिकार युवाओं के लिए भी समान रूप से लागू होते हैं।
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शिक्षा
युवाओं को निःशुल्क और अनिवार्य मूल्यांकन के साथ बुनियादी शिक्षा का अधिकार है। भारतीय संविधान ने समाज को शिक्षा प्रदान करने का जिम्मेदारी सौंपी है और यह सभी युवाओं को उच्च शिक्षा की व्यवस्था उपलब्ध कराने का भी आदेश देता है।
रोजगार
भारतीय संविधान ने सभी नागरिकों को उच्चतर जीवनायान, रोजगार और उच्चतर वाणिज्यिक अवसरों का अधिकार प्रदान किया है। युवाओं को नौकरी,उच्च शिक्षा और उच्च अवसरों तक पहुंच की सुविधा मिलनी चाहिए।
सांस्कृतिक संरक्षण
भारतीय संविधान ने सभी नागरिकों को अपनी संस्कृति, भाषा और परंपरा की सुरक्षा का अधिकार प्रदान किया है। युवाओं को अपनी संस्कृति के प्रति गर्व और उसे सुरक्षित रखने का अधिकार होता है।
सामाजिक न्याय
युवाओं को सामाजिक न्याय, जाति और लिंग के आधार पर नहीं, बल्कि उनके कार्य, कौशल और प्रदर्शन के आधार पर मूल्यांकन करने का अधिकार होता है। समाज के सभी सदस्यों को समान रूप से व्यवहार करना चाहिए, और युवाओं को उनके प्रयासों के आधार पर मौके मिलने चाहिए।
इसके अलावा, केंद्रीय और राज्य सरकारें युवाओं के लिए नीतियाँ और कार्यक्रम लागू करती हैं जो उनकी संरचना, विकास, रोजगार, उच्चतर शिक्षा, उच्चतर अवसरों और सामरिक सेवाओं के लिए विशेष ध्यान देते हैं।
भारत के युवा किसे माना जाता है?
भारत के युवा शब्द का उपयोग आमतौर पर 15 से 24 वर्ष की आयु समूह के लोगों को संकेत करने के लिए किया जाता है। यह आयु समूह नवीनतम शैक्षिक, आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक विकास के महत्वपूर्ण समय को संकेत करता है। युवाओं की इस आयु समूह में अधिकांशतः शिक्षा, कैरियर, नौकरी, रोजगार, स्वतंत्रता, सामाजिक परिवर्तन, संगठनात्मक गतिविधियाँ, राजनीतिक सहभागिता, सामाजिक न्याय, और सांस्कृतिक प्रगति के मुद्दों पर विशेष ध्यान दिया जाता है। युवा आयु समूह को देश के भविष्य के नेतृत्व और विकास में महत्वपूर्ण भूमिका हासिल करने का भी महत्व दिया जाता है।
भारत में युवा साक्षरता दर क्या है?
भारत में युवा साक्षरता दर वर्षों के संघर्षों और सरकारी प्रयासों के फलस्वरूप मजबूती से बढ़ी है, लेकिन अभी भी इसमें काफी गड़बड़ी है। युवाओं के बीच शिक्षा की उपलब्धता और पहुंच में अंतर होता है, जिसके कारण वे साक्षरता स्तर में असामान्यता देख सकते हैं।
भारत के युवाओं की साक्षरता दर को लेकर निम्नलिखित तथ्य हैं
- जनगणना 2011 के अनुसार, भारत की कुल साक्षरता दर 74.04% है। युवा साक्षरता दर इससे थोड़ी सी ऊँची है, जिसमें 15 से 24 वर्ष की आयु समूह के लोगों को शामिल किया जाता है।
- युवाओं के बीच साक्षरता दर में पुरुषों की तुलना में महिलाओं का साक्षरता दर कम है।
- राज्यों के बीच साक्षरता दर में विशेष अंतर होता है। कुछ राज्यों में साक्षरता दर उच्च है, जबकि कुछ राज्यों में यह कम है।
- शिक्षा के लिए नगरीय क्षेत्रों में ज्यादातर लोग साक्षर हैं जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में साक्षरता दर कम होती है
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