आईटी एक्ट का सेक्शन 67ए सेक्सुअल रिलेशन्स तक ही सीमित नहीं है, इसमें न्यूड वीडियो शामिल भी होगा- बॉम्बे हाई कोर्ट

आईटी एक्ट का सेक्शन 67ए सेक्सुअल रिलेशन्स तक ही सीमित नहीं है, इसमें न्यूड वीडियो शामिल भी होगा- बॉम्बे हाई कोर्ट

एस्टार नज़रुल अहमद v महाराष्ट्र राज्य के केस में एंटीसिपेट्री बेल की एप्लीकेशन पर फैसला लेते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा कि आईटी एक्ट के सेक्शन 67ए के तहत किसी व्यक्ति की न्यूड वीडियो को शेयर करना अपराध/क्राइम है।

जज भारती ने यह ऑब्ज़र्व किया कि आईटी एक्ट के सेक्शन 67 के तहत “सेक्सुअली इम्प्लीसिट” शब्द से विधान-मंडल/लेजिस्लेचर का मतलब सिर्फ सेक्सुअल एक्टिविटी या सेक्स में लिप्त होना ही नहीं था, बल्कि इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के द्वारा इसी तरह की कोई भी अश्लील फोटो, वीडियो या मिडिया को शेयर करना भी सेक्शन 67 के तहत जुर्म ही माना जायेगा।

इसलिए एंटीसिपेट्री बेल के लिए दी गयी एप्लीकेशन को भी यह देखते हुए खारिज दिया गया था कि आईटी एक्ट के सेक्शन 67ए के तहत “सेक्सुअली एक्सप्लिसिट” शब्द केवल संभोग करने तक ही सीमित नहीं है, बल्कि न्यूड वीडियो को शेयर करना भी इसमें शामिल होगा।

क्या आप को कानूनी सलाह की जरूरत है ?

केस के फैक्ट्स:

एक लड़की ने आरोपी के खिलाफ अप्रैल 2022 में मुंबई के ठाणे पुलिस स्टेशन में केस फाइल किया था। लड़की की शिकायत में बताया गया था कि वह लड़की पिछले कुछ समय में आरोपी के साथ बहुत घुल-मिल गयी थी। साथ ही, उसके द्वारा यह भी एक्सेप्ट किया गया था कि दोनों की सहमति से उनके बीच सेक्सुअल रिलेशन्स भी बनाए गए थे। उन दोनों के रिलेशनशिप के दौरान लड़के ने लड़की से उसकी न्यूड वीडियो की मांग की थी। पहले लड़की थोड़ा झिझक रही थी, लेकिन जब लड़के ने उसे आश्वासन दिया कि वह वीडियो देखने के बाद उसे डिलीट कर देगा, तो लड़की मान गई।

इसे भी पढ़ें:  क्या वकीलों को गर्मी में काला कोट पहनने से छूट दी गयी है?

लड़की ने पुलिस को बताया कि जब वह उस लड़के के घर गई तो आरोपी की वाइफ और बेटी ने उसे वह न्यूड वीडियो दिखाते हुए उसका सामना किया और उसे लड़के से दूर रहने के लिए कहा गया। लड़की ने उन दोनों की बात मान ली और आरोपी के साथ सारे रिश्ते तोड़ दिए। 

इस सबके बाद, आरोपी तीन साल बाद फिर उससे मिला और पुराने वीडियो से उसे धमकाया। इसीलिए लड़की फिर से उससे मिलना शुरू करने के लिए तैयार हो गई। हालांकि, आरोपी ने लड़की का न्यूड वीडियो उसके हस्बैंड और बहुत सारे लोगों के साथ शेयर किया। वह वीडियो उसके पूरे गांव में फैल गया। इसलिए लड़की ने आरोपी के खिलाफ केस फाइल करने का फैसला किया।

आरोपी पर आईटी एक्ट के सेक्शन 67ए के तहत केस फाइल किया गया है। लड़के ने एंटीसिपेट्री बेल के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया।

जजमेंट:

कोर्ट ने माना कि आरोपी का यह दावा गलत है कि सिर्फ एक न्यूड वीडियो को “सेक्सुअली एक्सप्लिसिट” नहीं माना जा सकता। कोर्ट ने केस का फैसला करने के लिए ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी में दी गई डेफिनेशन को भी रेफेर किया था।

कोर्ट द्वारा यह माना गया कि लेजिस्लेचर का इरादा महिलाओं और बच्चों के अधिकारों की रक्षा करना और किसी भी अश्लील सामग्री को शेयर करके उनका शोषण होने से बचाना था और इस प्रकार इस तरह के किसी भी काम को ‘सेक्सुअली एक्सप्लिसिट’ शब्द के तहत माना जाएगा।

कोर्ट ने फैसला किया कि लड़के के अगेंस्ट लगाए गए आरोप गंभीर थे क्योंकि उसने एक लड़की की प्राइवेट न्यूड वीडियो शेयर करके एक महिला का शोषण किया था, इसलिए इस लड़के में लड़के को हिरासत में रखकर इन्वेस्टीगेशन करना जरूरी है, इस प्रकार एंटीसिपेट्री बेल के लिए लड़के के द्वारा दी गई एप्लीकेशन को ख़ारिज कर दिया गया था।

Social Media