कानूनी नोटिस का जवाब ना देने पर क्या कार्यवाई हो सकती है?

कानूनी सूचना या लीगल नोटिस एक लीगल डॉक्यूमेंट होता है, जिसके तहत आप अपनी बात दूसरी पार्टी को लीगल तरीके से बताते है। जब एक पार्टी द्वारा दूसरी पार्टी या कई सारी पार्टीज़ को लीगल नोटिस भेजा जाता है तो वह पार्टी जिसे नोटिस मिला है वो दिए गए समय में अपने वकील के द्वारा इस नोटिस का रिप्लाई भेजती है। अगर दूसरी पार्टी  इस नोटिस का रिप्लाई नहीं भेजती है तो इसे इसके परिणाम भुगतने पड़ सकते है अर्थात उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।

एक लीगल नोटिस मिलने के बाद आपको उस नोटिस का अच्छे वकील के द्वारा इसका जवाब देना होता है। इसका जवाब ना दिए जाने का परिणाम/रिजल्ट बहुत गलत हो सकता है। हालांकि, किसी को अपने बचाव में प्रासंगिक फैक्ट्स को रिकॉर्ड पर लाना होगा। अगर नोटिस मिलने वाले व्यक्ति के द्वारा कोई जवाब नहीं भेजा जाता है, तो नोटिस भेजने वाले के द्वारा आगे की कानूनी कार्रवाई शुरू की जा सकती है। इस  कानूनी कार्यवाही में कोर्ट डिफाल्टर यानि नोटिस मिलने वाले व्यक्ति या पार्टी के खिलाफ सभी जरूरी कार्यवाही कर सकते है।

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क्या कानूनी नोटिस का जवाब देना अनिवार्य है?

कानूनी नोटिस मिलने के बाद पहली बात यह है कि डिस्प्यूट को सौहार्दपूर्ण ढंग से हल करने के उद्देश्य से नोटिस भेजने वाले व्यक्ति से सम्पर्क करें और उनसे शांति से बात करें। यदि कानूनी नोटिस में लिखे हुए मुद्दे को हल कर लिया जाए तो कानूनी नोटिस जवाब देना अनिवार्य नहीं है । लेकिन फिर भी कानूनी नोटिस का उचित जवाब भेजने की सलाह दी जाती है।

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कानूनी नोटिस का जवाब देने की समय सीमा क्या है?

नोटिस का जवाब देने वाले व्यक्ति को नोटिस वापस करने के लिए 30-60 दिनों की समय सीमा दी जानी चाहिए। नोटिस को इस तरह से तैयार किया जाना चाहिए कि लंबी कानूनी कार्यवाही की प्रक्रिया को रोकने के लिए नोटिस मिलने वाले व्यक्ति के पास भेजने वाले की शर्तों को प्रस्तुत करने के अलावा कोई अन्य ऑप्शन नहीं होगा।

अगर हम कानूनी नोटिस को नज़रअंदाज़ करते हैं तो क्या होता है?

यदि कानूनी नोटिस को कोई व्यक्ति दो बार से अधिक अनदेखा करता है तो कोर्ट इस मामले को अत्यंत गंभीर तरीके से दर्ज कर लेगा और जवाब में कोर्ट उक्त व्यक्ति पर कार्यवाही भी कर सकता है । इसलिए कानूनी नोटिस अधिकतम दो बार ही भेजी जाती है।

कानूनी नोटिस भेजने के बाद अगला कदम क्या है?

नोटिस भेजने के बाद, आपको जवाब का इंतज़ार करना चाहिए। अगर नोटिस मिलने वाला व्यक्ति जवाब नहीं देता है, तो आप आगे की कार्रवाई कर सकते हैं, जैसे कि कोर्ट में केस फाइल किया जाता है।

भारत में कानूनी नोटिस की वैधता क्या है?

आम तौर पर कानूनी नोटिस में दिया गया समय 2-4 हफ्ते का होता है जिसके अंदर नोटिस मिलने वाले व्यक्ति को जवाब भेजना होता है। ऐसा ना करने पर कानूनी नोटिस देने वाला व्यक्ति कानून के हिसाब से कोई भी कानूनी कार्यवाही शुरू करने के लिए आज़ाद है।

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