अगर मेरा किराएदार किराया नहीं दे रहा तो मैं क्या कार्रवाई कर सकता हूं?

अगर मेरा किराएदार किराया नहीं दे रहा तो मैं क्या कार्रवाई कर सकता हूं?

भारत में, अगर कोई भी किरायेदार किराया नहीं दे रहा है, तो मकान मालिक के पास कई कानूनी तरीके होते हैं जिनकी मदद से वो किराएदार द्वारा किराया ले सकता है।

जैसे किरायेदार को रेंट कंट्रोल एक्ट के तहत शिकायत दर्ज कराना, किरायेदार को बेदखली के लिए लीगल नोटिस भेजना और किरायेदार के ख़िलाफ़ उचित अदालत में मामला दायर कराना आदि । 

आज अपने इस ब्लाग पोस्ट में इन्हीं महत्वपूर्ण तरीकों पर बात करेंगे और जानेंगे कि कैसे कोई भी मकान मालिक किराएदार से बिना लड़ाई झगड़ा किए किराया निकलवा सकता है ।‌

किरायेदार और मकान मालिक से संबंधित  कानून में ऐसा नियम है अगर किरायेदार ने 2 महीने से रेंट न दिया हो, तो किरायेदार से मकान खाली करने के लिए कहा जा सकता है।

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इसके अलावा अगर किरायेदार मकान का इस्‍तेमाल कॉमर्शियल काम या किसी ऐसे काम के लिए कर रहा हो, जिसका जिक्र रेंट एग्रीमेंट में न हो, तो भी किरायेदार से मकान खाली करने के लिए कहा जा सकता है।

किरायेदार को बेदखल करने की समय सीमा किराये के समझौते में उल्लिखित शर्तों के आधार पर अलग अलग होती है। आम तौर पर, नोटिस की अवधि 15 से 30 दिन होती है।  अगर कोई भी मकान मालिक लीगल तरीके से अपने किराएदार से किराया वसूलना चाहता है तो नीचे लिखे कुछ नियमों पर अमल करके अपने किराएदार से आसानी के साथ किराया वसूल सकता है ।

कानूनी नोटिस द्वारा किरायेदार के खिलाफ कार्रवाई

किराया न चुकाने पर किरायेदारों को बेदखली का कानूनी नोटिस भेजा जा सकता है। अगर किरायेदार कानूनी नोटिस के बाद भी किराया नहीं देता है, तो आप अदालत में केस दायर कर सकते हैं। 

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किरायेदार को मकान खाली करने का कानूनी नोटिस भेजने के लिए, इन चरणों का पालन करें: 

सबसे पहले लीगल नोटिस तैयार करने के लिए एक अच्छा वकील खोजें।

वकील अपने लेटरहेड पर कानूनी नोटिस ड्राफ्ट करके आगे की कार्रवाई के लिए किराएदार के पास भेज देगा ।

कानूनी नोटिस में किरायेदार का नाम और पता, पत्र भेजे जाने की तारीख और बेदखली के कारणों का स्पष्ट और संक्षिप्त विवरण शामिल होना चाहिए।

कानूनी नोटिस पंजीकृत कोरियर के माध्यम से भेजा जा सकता है।

कानूनी नोटिस भेजने के बाद, कम से कम 15 से 30 दिन तक इंतज़ार करें।

रेंट कंट्रोल एक्ट द्वारा किराएदार के खिलाफ कार्रवाई

रेंट कंट्रोल एक्ट किराएदार और मकान मालिकों से संबंधित समस्त समस्याओं के लिए बनाया गया एक अधिनियम है जिसके तहत, यदि कोई किरायेदार किराया देने से इनकार कर रहा है तो उसके ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज कराने के लिए ये तरीके अपनाए जा सकते हैं: 

अगर किरायेदार, कानूनी नोटिस देने के बाद भी किराया नहीं देता है, तो अदालत में केस दायर किया जा सकता है।

अगर किरायेदार, घर खाली करने से इनकार करता है, तो उसके ख़िलाफ़ कानूनी बेदखली का मुकदमा दायर किया जा सकता है।

किरायेदार को बेदखल करने के लिए, मकान मालिक को कम से कम 15 दिनों का नोटिस देना ज़रूरी है। अगर किरायेदार, नोटिस मिलने के बाद 15 दिनों में घर खाली नहीं करता है, तो  न्यायालय से किरायेदार को बेदखल करने का आदेश लिया जा सकता है। 

किरायेदार को बेदखल करने के आधार

किरायेदार को बेदखल करने के लिए निम्नलिखित आधार हो सकतें हैं –

  • यदि कोई किराएदार समय पर किराया नहीं दे रहा हो 
  • यदि की किराएदार आपकी संपत्ति को नुकसान पहुंचा रहा हो 
  • यदि किराएदार किराए पर मकान लेते समय किए गए रेंट एग्रीमेंट का उल्लंघन कर रहा हो 
  • अथवा कोई अवैध गतिविधि कर रहा हो।
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उक्त सभी स्थितियों में किराएदार को बेदखल किया जा सकता है।

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