उधार का पैसा क्या है?
उधार का पैसा एक ऐसा पैसा होता है जो एक व्यक्ति या संस्था दूसरे व्यक्ति या संस्था को देता है जो वह बाद में वापस करता है। इसे एक उधारी ऋण के रूप में भी जाना जाता है। उधार के दौरान, उधार देने वाले व्यक्ति या संस्था को एक निश्चित समयावधि के भीतर उधार दिए गए पैसे पर ब्याज देने का भी विकल्प होता है। यह उधार देने वाले व्यक्ति या संस्था के लिए एक आय का स्रोत भी बन सकता है।
उधार का प्रयोग अक्सर बड़े खर्चों जैसे घर खरीदने, व्यापार शुरू करने या बड़ी खरीदारी के लिए किया जाता है। हालांकि, यदि उधार लेने वाले व्यक्ति या संस्था उधार के भुगतान में देरी करते हैं तो वह ब्याज के साथ अधिक पैसे भी वापस करने के लिए जिम्मेदार होते हैं।
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उधार के पैसे वापस ना करने पर लगने वाले एक्ट तथा धाराएं
यदि किसी उधारी व्यक्ति या संस्था ने उधार के पैसे वापस नहीं किए हैं तो उधार देने वाले व्यक्ति या संस्था द्वारा उधार लेने वाले व्यक्ति या संस्था के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। भारतीय संविधान में उधार के पैसे वापस न करने पर कुछ प्रावधान हैं, जिन्हें आमतौर पर अपराध के तौर पर माना जाता है।
धोखाधड़ी
अगर कोई व्यक्ति उधार लेता है और उसे वापस नहीं करता है, तो उसके खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया जा सकता है।
संपत्ति अधिकार
यदि उधार देने वाले व्यक्ति को उधार लेने वाले व्यक्ति या संस्था की संपत्ति में कोई हिस्सा होता है, तो उसको संबंधित संपत्ति के अधिकार मिलते हैं।
सामाजिक बाधाओं का उपयोग
उधार लेने वाले व्यक्ति या संस्था को सामाजिक बाधाओं का उपयोग करने के लिए व्यवस्था होती है। इसका उपयोग अधिकृत नहीं होता है और उधार देने वाले व्यक्ति या संस्था को उधार लेने वाले व्यक्ति या संस्था को कुछ नहीं देना चाहिए।
संबंधित अधिनियम
धन प्राप्त करने और उधार देने संबंधित अधिनियम भी हो सकते हैं। जिनका प्रयोग कर उधार की वसूली की जा सकती है।
उधार के पैसे वापस ना करने पर नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट का प्रयोग
नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट (Negotiable Instruments Act) भारत में उधार देने के मामलों में बहुत उपयोगी है। इस एक्ट का उपयोग वह समय कर सकता है, जब उधार देने वाले व्यक्ति या संस्था उधार लेने वाले व्यक्ति या संस्था से पैसे वापस नहीं कर रहे हों।
यदि उधार देने वाले व्यक्ति या संस्था नेगोशिएबल नोट या चेक जैसे नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट का उपयोग करते हैं, तो उधार लेने वाले व्यक्ति या संस्था इन नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स को अपने बैंक खाते में जमा करवा सकते हैं। नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट के तहत, जब ये नोट या चेक बैंक में जमा होते हैं, तो वे संबंधित बैंक के द्वारा उस व्यक्ति या संस्था के खाते में जमा किए जाते हैं।
इस तरह से, नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट के उपयोग से उधार लेने वाले व्यक्ति या संस्था, उधार देने वाले व्यक्ति या संस्था से पैसे वापस ले सकते हैं। पैसे ना वापस करने पर आवश्यक कानूनी कार्यवाही की सहायता लेकर अपने पैसे भी प्राप्त कर सकते हैं और उस व्यक्ति को सजा भी दिला सकते हैं।
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