कोलेबोरेटिव डाइवोर्स क्या होता है? इसका क्या प्रोसेस है?

कोलेबोरेटिव डाइवोर्स क्या होता है? इसका क्या प्रोसेस है?

कोलेबोरेटिव डाइवोर्स क्या है:- 

कोलेबोरेटिव डाइवोर्स या सहयोगात्मक तलाक डाइवोर्स की एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें हस्बैंड और वाइफ दोनों अपने-अपने प्रशिक्षित और अनुभवी डाइवोर्स लॉयर हायर करते है। दोनों पार्टनर्स के लॉयर्स “रुचि-आधारित बातचीत” नामक एक प्रोसेस के ज़रिए दोनों पार्टनर्स के बीच के इशूज़ को सॉल्व करते है। ऐसे केसिस में ज्यादातर कपल खुद इस निष्कर्ष पर पहुँचते है कि वे अपने डाइवोर्स के लिए आगे बढ़ना चाहते हैं या फिर उन्हें इसके लिए किसी एडवोकेट या मीडिएटर की जरूरत है। कोलेबोरेटिव लॉयर्स हस्बैंड और वाइफ के बीच उनके पर्सनल इशूज़ पर समझौता कराते है। 

यह डाइवोर्स कब होता है:- 

एक कोलेबोरेटिव डाइवोर्स तब होता है, जब हस्बैंड और वाइफ आपस में अपनी शादी को ख़त्म करने का सौहार्दपूर्ण समझौता करते हैं। बिना कोर्ट की लड़ाई और झगडे के ख़ुशी और शांति से अपने रिश्ते को ख़त्म करते है। और फिर सिर्फ डाइवोर्स की फॉर्मलिटीज के लिए कोर्ट में जाते हैं।

यह गोपनीय होता है:-

कोलेबोरेटिव डाइवोर्स एक पर्सनल और गोपनीय प्रोसेस है। एक नार्मल डाइवोर्स की तरह ही दोनों पार्टनर्स की अपने-अपने पर्सनल लॉयर्स से गोपनीय बातचीत होती है। साथ ही, केस में अपने लक्ष्यों को पूरा करने की रणनीति भी होती है। लेकिन कोलेबोरेटिव डाइवोर्स, कपल के रिश्ते को बेइज्जती से नष्ट किए बिना और कोर्ट की लड़ाई में कपल की समाजिक इज़्ज़त को खराब किये बिना होता है। यही इस डाइवोर्स का सबसे पोसिटिव पॉइंट है। 

क्या आप को कानूनी सलाह की जरूरत है ?

डाइवोर्स के लिए संघर्ष:- 

ज्यादातर कपल को अपनी शादी से मुक्त होने के लिए लॉयर्स के साथ एक लंबी, संघर्ष भरी सिचुएशन से गुज़ारना पड़ता है। जिसमे दोनों पार्टनर्स एक दूसरे से वह सब कुछ पाने की कोशिश करते है, जो भी वह पा सकते है। जैसे – धन, मुआवज़ा, प्रॉपर्टी आदि। 

इसे भी पढ़ें:  वसीयत को बाद के एक समझौते से रद्द नहीं किया जा सकता: सुप्रीम कोर्ट

जबकि, कुछ अन्य कपल आपस मे सहमती से प्रॉपर्टी का बंटवारा, बच्चों की कस्टडी और डाइवोर्स की सारी लीगल प्रोसीडिंग्स को तय करते है। कई कपल थोड़े इशूज़ सोल्व कर लेते है और थोड़े इशूज़ नहीं कर पाते, जिसके लिए उन्हें एक मीडिएटर की जरूरत पड़ती है। प्रापर्टी के बंटवारे, चाइल्ड कस्टडी जैसे मैटर्स पर अलग-अलग सोंच रखने वाले कपल इसे सुलझाने के लिए एक मीडिएटर की मदद ले सकते है।

कोलेबोरेटिव डाइवोर्स के फायदे:- 

कपल चाहे तो सहयोग करके कई तरीकों से डाइवोर्स में होने वाला खर्च और मुश्किल संघर्ष से बच सकते है।  

1. कम खर्च:- लम्बे केस के दौरान होने वाला खर्च बचता है।

2. मन की शांति:- इस डाइवोर्स से रिश्ते को शांतिपूर्ण तरीके से ख़त्म कर सकते है। जिससे हस्बैंड और वाइफ दोनों का मन भी स्टेबल रहता है। 

3. समझौता:- रिश्ता एक समझौते पर आसानी से ख़त्म किया जा सकता है। साथ ही, जरूरत पड़ने पर मीडिएटर से बातचीत करके भी सोल्युशन निकला जा सकता है। 

4. कम समय:- इस डाइवोर्स के प्रोसेस में बाकि डाइवोर्स के प्रोसेस के मुकाबले बहुत कम समय लगता है। 

इस डाइवोर्स कि सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि कपल अपनी गरिमा और नैतिक मानकों को चोट पहुंचाए बिना इस डाइवोर्स की प्रोसेस पूरा करते है।

Social Media