ऑनलाइन के माध्यम से जबरदस्ती पैसे वसूलने का क्या मतलब है?

ऑनलाइन के माध्यम से जबरदस्ती पैसे वसूलने का क्या मतलब है?

किसी से जबरदस्ती पैसे लेना या वसूली करने का मतलब होता है उस व्यक्ति को ब्लैकमेल करना। जो कानूनी रूप से एक इललीगल काम है। यह किसी ऐसे व्यक्ति द्वारा ही किया जा सकता है, जिसके पास एक व्यक्ति की पर्सनल, प्रोफेशनल या कमर्शियल डेटा मौजूद हो। इस तरह से ब्लैकमेल करके ऑनलाइन पैसे हड़पने को साइबर एक्सटॉरशन कहते है। और जिस व्यक्ति द्वार यह ब्लैकमेलिंग की जाती है उसे साइबर एक्सटॉर्शनिस्ट कहा जाता है। साइबर एक्सटॉरशन को आम भाषा में समझे तो इसका मतलब होता है कि ऑनलाइन के माध्यम से किसी व्यक्ति से जबरदस्ती पैसे ठगना। 

यह ब्लैकमेलिंग पर्सनल डेटा के मालिक से फिरौती वसूलने या पैसे हड़पने के लिए की जाती है। यह डेटा किसी भी प्रकार का हो सकता है जैसे – फोटो, वीडियो,  व्यापर से संबंधित प्राइवेट डेटा, आगे शुरू किये जाने वाले प्रोजेक्ट्स की जानकारी, आगे की योजनाएं, कोई भी प्राइवेट डेटा आदि।

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साइबर एक्सटॉरशन किस प्रकार किया जाता है?

साइबर अपराधी आम तौर पर पीड़ित के कंप्यूटर तक नेटवर्क की पहुंच या एक्सेस को रोक देता है या फिर विक्टिम के कम्प्यूटर को रिपोर्ट करके या बड़ी मात्रा में ट्रैफ़िक चलाकर या उसके नेटवर्क को ओवरलोड करके साइबर एक्सटॉरशन करते हैं। 

इसके बाद भारी ट्रैफ़िक की समस्या की वजह से पीड़ित अपना काम ठीक तरह से नहीं कर पाते है क्योंकि लगातार चल रहे ट्रैफ़िक की वजह से नेटवर्क आमतौर पर लोड नहीं हो पाता है। डेटा के मालिक को इस समस्या से बाहर आने के लिए काफी सारा पैसा खर्च करना पड़ता है, जो कि एक लंबी प्रोसेस है। इसकी वजह से डेटा के मालिक के प्रॉफ़िट्स भी कम हो जाते है।

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मांगी गयी फिरौती का भुगतान आमतौर पर कैश या नकद रूप से किया जाता है अन्यथा उसे मजबूर किया जाता है कि विक्टिम का सभी जरूरी डेटा जनता में लीक कर दिया जाएगा। 

इसके अलावा, ऐसे केसिस में, पीड़ित सही अधिकारियों या पुलिस से संपर्क नहीं कर पाता है क्योंकि उसके मन में यह डर होता है कि उसके पर्सनल या प्राइवेट  जानकारी लीक ना कर दी जाये। नतीजतन, यह समझा जा सकता है कि साइबर एक्सटॉरशन या ब्लैकमेल क्रूरता का एक और तरीका है, जो गोपनीयता के सिद्धांत (principle of privacy) का उल्लघन करता है।

साइबर एक्सटॉरशन के कितने प्रकार है?

साइबर ब्लैकमेल 

हैकर व्यक्तिगत और संवेदनशील डेटा को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से विक्टिम के परिवार के सदस्यों और साथियों को भेजने की कोशिश करता है जब तक कि आप डिजिटल ब्लैकमेल के माध्यम से उसकी द्वारा की गयी मांगो को पूरा ना कर दे। हैकर के पास भेजने के लिए विक्टिम का कुछ अवांछनीय या परेशान करने वाला डेटा हो सकता है। हैकर ने अलग-अलग केसिस में अवैध तरीकों से प्राइवेट मैसेज, फोटो या वीडियो रिकॉर्डिंग की हो सकती है।

फिरौती के लिए ऑनलाइन हमले 

दोषी पक्ष या हैकर उन डेटा सेटों को पहचानते हैं और उन्हें हैक कर लेते हैं। यह कुछ कमजोर लिंक का उपयोग या यूज़ करते हैं और व्यक्तिगत/पर्सनल डेटा और जानकारी को लीक करने के नाम पर पीड़ित को ब्लैकमेल करते हैं और उसी के लिए फिरौती की मांग करते हैं।

साइबर एक्सटॉरशन के बुरे प्रभाव

साइबर एक्सटॉरशन के कुछ अनचाहे परिणामों में डेटा का लीक होना या नुक्सान होना, व्यावसाय में नुकसान, किसी की इज़्ज़त को नुकसान, ग्राहकों की हानि और पैसों का नुकसान शामिल हो सकता हैं।

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डेटा उल्लंघन में, हमलावर चोरी किए गए डेटा को लीक करने की धमकी दे सकते हैं जब तक कि पीड़ित उनके द्वारा मांगी गयी रकम का भुगतान नहीं करता है। अगर पीड़ित मांग को पूरा नहीं कर पाता है, तो इससे गोपनीय और व्यक्तिगत डेटा लीक होने का जोखिम होता है। अगर उल्लंघन में किसी भी प्रकार का संवेदनशील डेटा शामिल है, तो ऐसा करने वाले व्यक्ति को कोर्ट में इसका जिम्मेदार ठहराया जा सकता है और साइबर एक्सटॉरशन के कानूनों के तहत सजा हो सकती है।

यदि आप अथवा आपके परिवार में किसी से भी कोई जबरदस्ती आनलाइन पैसों की मांग करता है तो डरने की कोई बात नहीं है तुरंत लीड इंडिया कंपनी से संपर्क करें । हमारी एक्सपर्ट वकीलों की टीम आपकी तुरंत सहायता करेगी।

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