पर्सनल प्रॉपर्टी और रियल प्रॉपर्टी के बीच क्या अंतर है?

पर्सनल प्रॉपर्टी और रियल प्रॉपर्टी के बीच क्या अंतर है?

क्या आपने कभी सोचा है कि जब आप एक घर या संपत्ति खरीदते हैं, तो वह आपकी पर्सनल प्रापर्टी या रीयल‌ प्रापर्टी के तौर पर काउंट की जाती है? 

दरअसल यह दो अलग-अलग प्रकार की संपत्तियां हैं, जो आपके स्वामित्व और अधिकार में अंतर स्थापित करती हैं। इस पोस्ट में हम पर्सनल प्रापर्टी और रीयल‌ प्रापर्टी के बीच विभिन्नताओं को गहराई से समझेंगे।

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पर्सनल प्रापर्टी

आपकी अपनी स्वामित्व संपत्ति पर्सनल प्रापर्टी या व्यक्तिगत संपत्ति वह संपत्ति होती है जो व्यक्तिगत उपयोग के लिए होती है और जिसका स्वामित्व एक व्यक्ति के पास होता है। यह संपत्ति वाहन, आभूषण, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, घरेलू वस्त्र, फर्नीचर आदि में शामिल हो सकती है। इसकी एक मुख्य विशेषता यह है कि यह व्यक्तिगत उपयोग के लिए होती है और आप इसे अपने पसंदीदा तरीके से बदल सकते हैं, जैसे कि इसे खरीदकर, बेचकर, या दान करके।

पर्सनल प्रापर्टी का स्वामित्व आपके व्यक्तिगत अधिकारों को दर्शाता है, और आप उसे अपनी मर्जी से उपयोग कर सकते हैं। यह आपकी व्यक्तिगत आवश्यकताओं और पसंदों को पूरा करने का माध्यम बनती है और आपके पर्सनलिटी को इक्सप्रेस करती है।

रीयल‌ प्रापर्टी

स्थायी संपत्ति अथवा रीयल‌ प्रापर्टी या असली संपत्ति वह संपत्ति होती है जिसमें ज़मीन और उस पर बनी हुई संरचनाएँ शामिल होती हैं। इस संपत्ति में घरेलू, वाणिज्यिक, और औद्योगिक प्रॉपर्टी शामिल हो सकती है, साथ ही ज़मीन पर प्राकृतिक संसाधन‌ जैसे कि पानी अथवा‌ वनस्पतियों का स्वामित्व भी शामिल हो सकता है। यह संपत्ति आपके स्वामित्व और अधिकार को प्रदर्शित करती है और आपको उस ज़मीन और संरचनाओं का स्वामित्व देती है जो उस पर बने हुए होते हैं।

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रीयल‌ प्रापर्टी के स्वामित्व में आपके पास उस स्थान का पूरा कंट्रोल और ज़मीन और उस पर बनी इमारत के साथ जुड़े सभी अधिकार होते हैं। यह आपके लिए एक निश्चित स्थिति को दर्शाता है, क्योंकि रीयल‌ प्रापर्टी को आप खरीदने, बेचने, किराए पर देने, या विकसित करने के रूप में उपयोग कर सकते हैं।

पर्सनल प्रापर्टी और रीयल प्रापर्टी के बीच का अंतर

पर्सनल प्रापर्टी और रीयल‌ प्रापर्टी दोनों ही संपत्ति के प्रकार होते हैं, लेकिन उनमें अंतर होता है जो उनके स्वामित्व, उपयोग और स्थिति में होता है। पर्सनल प्रापर्टी व्यक्तिगत उपयोग के लिए होती है और व्यक्ति की पसंद के हिसाब से बदल सकती है, जबकि रीयल‌ प्रापर्टी ज़मीन और संरचनाओं की स्थायी संपत्ति होती है और उसका स्वामित्व व्यक्तिगत अधिकारों के साथ आता है। दोनों ही प्रकार की संपत्ति का स्वामित्व आपके अधिकारों को प्रकट करता है और आपको उन्हें अपनी आवश्यकताओं के अनुसार उपयोग करने की स्वतंत्रता देता है।

1- पर्सनल प्रापर्टी चल संपत्ति होती है और उसे एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाया जा सकता है, जबकि रीयल प्रापर्टी स्थायी होती है और किसी विशिष्ट स्थान से जुड़ी होती है। इसीलिए व्यक्तिगत सम्पत्ति को चल के रूप में वर्गीकृत किया जाता है, जबकि असली सम्पत्ति अचल सम्पत्ति के श्रेणी में आती है।

2- रीयल प्रापर्टी के स्वामित्व में कई कानूनी जिम्मेदारियाँ होती हैं, जैसे कि संपत्ति कर, क्षेत्रवासी विनियमन, और ज़मीन के उपयोग की पाबंदियाँ। वहीं पर्सनल प्रापर्टी में ये जिम्मेदारी बहुत कम कानूनी फॉर्मैलिटीज़ के तहत आती है।

अतः पर्सनल प्रापर्टी और रीयल‌ प्रापर्टी दोनों ही अलग-अलग  प्रकार की संपत्तियाँ होती हैं जो आपके स्वामित्व और उपयोग के अंतर को प्रकट करती हैं। पर्सनल प्रापर्टी व्यक्तिगत उपयोग के लिए होती है और आपकी पसंद के हिसाब से उसका उपयोग किया जा सकता है, जबकि रीयल‌ प्रापर्टी ज़मीन और संरचनाओं की स्थायी संपत्ति होती है और उसका स्वामित्व आपके व्यक्तिगत अधिकारों को प्रकट करता है। आपकी आवश्यकताओं और विचारों के आधार पर, आपको अपने स्वामित्व के प्रकार का चयन करने में मदद मिलेगी जो आपके लिए सबसे उपयुक्त होगा।

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