हमारे देश में अनेक प्रकार की प्रथाएं हैं। कुछ प्रथाएं सही हैं और कुछ गलत। इनमें से ऐसी ही एक प्रथा है – दहेज़। आजकल दहेज़ के बारे में तो हर कोई जानता ही है मगर कानूनी भाषा में दहेज़ की क्या परिभाषा है, आईये जान लें।
दहेज़ मूल रूप से शादी के दौरान दुल्हन के परिवार के द्वारा दुल्हे के परिवार को दिए जाने वाली भेंट है जैसे कि आभूषण, नकद, वाहन, घर, कपड़े आदि। कोई भी माता पिता अपनी बेटी के विवाह के लिए अपने सामर्थ्य के अनुसार अच्छे से अच्छा करने की कोशिश ही करते हैं मगर कभी कभी लड़के और उसके परिवार के मन में लालसा घर कर जाती है।
यदि वर या उसके परिवार द्वारा दहेज़ के लिए वधु या उसके परिवार पर ज़ोर ज़बरदस्ती की गयी, तो वह कानूनी अपराध की श्रेणी में आएगा। कई लोग दहेज़ के लालच में आकर अपनी बहु एवं अपनी पत्नी को प्रताड़ित करते हैं, उन्हें चोट पहुंचाते हैं और कई बार देखते ही देखते उन महिलाओं की मौत भी हो जाती है। इन्ही सब वारदातों को ध्यान में रखते हुए, दहेज प्रतिषेध अधिनियम, 1961 में लागू किया गया। इसके चलते दहेज़ मांगना, लेना, और देना कानूनी अपराध है। इस कानून को और सशक्त बनाने के लिए और औरतों के प्रति क्रूरता व अपराध को कम करने के लिए IPC की धारा 498A और 198A में नए कानून जोड़े गये ।
क्या आप को कानूनी सलाह की जरूरत है ?
अगर आपका पति माँगे दहेज़ तो जान लें ये क़ानून –
- दहेज़ प्रतिषेध अधिनियम : इस कानून में धारा 3 के तहत, यदि कोई भी व्यक्ति दहेज़ मांगे, ले या दे तो उसे कानूनी रूप से कम से कम 5 साल की जेल कैद और 15,000 जुर्माना देना होगा।
- यदि लड़की के माता पिता अपनी मर्ज़ी से लड़की को कुछ भेंट देना चाहते हैं तो वह भेंट लड़की के पास ही रहनी चाहिए न की उसके परिवार या लड़के के पास। ऐसा करने पर कम से कम 6 महीने की जेल और 10,000 जुर्माना है।
- धारा 304B के तहत यदि किसी भी महिला की मौत जलने से, या अनजान परिस्थितियों में शादी के 7 साल के अंदर अंदर हो जाती है, और यदि कोई सबूत मिलता है जिससे यह साबित हो जाये की मरने से पहले महिला शारीरिक, मानसिक शोषण का शिकार थी, तो उसकी मौत का ज़िम्मेदार उसके पति और उसके घरवालों को माना जायेगा। ऐसा होने पर कम से कम 7 साल से लेकर उम्र कैद तक की सजा है।
- धारा 302 : के तहत यदि कोई पति अपनी पति को दहेज़ न मिलने पर जान से मार देता है, तो उसे फांसी की सजा सुनाई जा सकती है।
- धारा 498A : इस धारा के चलते यदि कोई पुरुष अपनी पत्नी को या पुरुष के घरवाले उसे नुक्सान पहुचाएं, उसका शोषण करें, तो उन्हें 3 साल तक की सजा सुनाई जा सकती है, साथ ही जुर्माना भी भरना पड़ सकता है।
इन धाराओं को ध्यान में रखते हुए कोई भी महिला घरेलु हिंसा या दहेज़ के कारण होने वाले अत्याचार से बच सकती हैं। यदि आपके पति आपको चोंट पंहुचा रहा है, और आप उनके साथ नहीं रहना चाहती तो आप वुमेन हेल्पलाइन नंबर पर भी कॉल कर सकती हैं ।
- वुमेन हेल्पलाइन नंबर (दिल्ली) : 011-23379181, 23370597
- वुमेन प्रोटेक्शन नंबर : 011-24673366/ 4156/ 7699
- 1090 और 1091 पूरे देश में महिला सुरक्षा के लिए जारी किया गया है|