वीडियो बनाकर ब्लैकमेलिंग करना भारत में सबसे आम अपराधों में से एक है, जो डिजिटलीकरण और टेक्नोलॉजी की प्रगति के साथ बढ़ा है। आमतौर पर, ब्लैकमेल करने के लिए इमेजरी का यूज़ किया जाता है। इमेजरी में फोटो और वीडियो दोनों शामिल होते हैं। ब्लैकमेलर्स द्वारा ब्लैकमेल करने के लिए रूपांतरित तस्वीरों और वीडियो का यूज़ किया जाता है।
व्हाट्सएप, फेसबुक, इंस्टाग्राम आदि जैसे वीडियो कॉलिंग एप्लिकेशन ने साइबर क्राइम्स को बहुत ज्यादा बढ़ावा दिया है। इन वीडियो कॉलिंग सुविधाओं ने यूज़र्स को वीडियो रिकॉर्ड किए जाने का एक खतरा दिया है। साइबर स्टॉकिंग जैसे अपराध, जिन्हें अक्सर पोर्नोग्राफी के साथ-साथ सेक्सटॉर्शन के साथ जोड़ा जाता है, यह ब्लैकमेलिंग के प्रमुख कारणों में से एक बन गया है।
फोन पर समय-समय पर सॉफ्टवेयर अपडेट के साथ, एक एप्लिकेशन भी दिखाई जाती है, जो व्हाट्सएप ऑडियो और वीडियो चैट के साथ-साथ फोन पर स्क्रीन रिकॉर्डिंग को रिकॉर्ड करता है। इस तरह के एप्लिकेशन की पहुंच यूज़र की फोन गैलरी की सभी चीजों तक होती है।
लोग वीडियो द्वारा ब्लैकमेल किए जाने का शिकार होने का प्रमुख और सामान्य कारण फोन पर एप्लिकेशन, तकनीक के साथ-साथ कानूनी के बारे में जागरूकता की कमी है।
क्या आप को कानूनी सलाह की जरूरत है ?
कानून के तहत ब्लैकमेल करना दंडनीय:
- भारतीय कानून में ऐसे कई प्रावधान है जिनके तहत वीडियो के साथ ब्लैकमेल करना दंडनीय अपराध है। ब्लैकमेलिंग आपराधिक धमकी का एक रूप है। अगर कोई आपके सम्मान या संपत्ति को चोट पहुंचाने के लिए आपको वीडियो के साथ ब्लैकमेल कर रहा है, तो आप भारतीय दंड संहिता की धारा 503 के तहत शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
- अक्सर अपराधी पीड़ित को जबरदस्ती या मांग करके वीडियो के साथ ब्लैकमेल करते हैं, जो कि गैरकानूनी है। यह जबरदस्ती वसूली करने के बराबर है, जो आईपीसी के सेक्शन 384 के तहत दंडनीय अपराध है। जिसके तहत पीड़ित केस फाइल कर सकता है।
- पीड़िता के पास आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 108(1)(i)(a) के तहत अधिकार है कि वह अपने एरिया के मजिस्ट्रेट से संपर्क करे और मजिस्ट्रेट को उस व्यक्ति के बारे में बताये, जिस पर उसे शक है कि वह किसी भी अश्लील सामग्री को पब्लिक में बाँट सकता है। मजिस्ट्रेट के पास ऐसे व्यक्तियों को हिरासत में लेने और पीड़ित के वीडियो को प्रसारित करने से बैन लगाने के बांड पर साइन करने का अधिकार है।
- भारतीय दंड संहिता की धारा 292 का यूज़ ब्लैकमेलिंग के पीड़ित द्वारा किया जा सकता है, जहां अपराधी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के द्वारा पीड़ित की अश्लील तस्वीरों का खुलासा करने की धमकी देता है।
- इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट 2000 के सेक्शन 66E के तहत, किसी व्यक्ति की सहमति के बिना उसकी वीडियो कैप्चर करके या किसी व्यक्ति की तस्वीरें प्रसारित करके उसकी प्राइवेसी का उल्लंघन करने के लिए केस फाइल किया जा सकता है।
- इसी तरह, अगर किसी व्यक्ति को बदनाम करने के लिए उसका वीडियो प्रसारित किया तो ब्लैकमेलर के खिलाफ इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट 2000 के सेक्शन 67 के तहत केस फाइल किया जा सकता है।
- इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट 2000 का सेक्शन 67 ए ब्लैकमेलर के खिलाफ एक ऐसा कानूनी हथियार है, जहां वीडियो क्लिप रिकॉर्ड करने और प्रसारित करने के लिए छिपे हुए कैमरों का यूज़ करना दंडनीय अपराध है।
अगर कोई आपको वीडियो बनाकर ब्लैकमेल करे, तो क्या करें?
- ब्लैकमेलर की धमकियों का पालन ना करें – बिना डरे केस को अपने हाथ में लें। आपको धमकी देने के लिए ब्लैकमेलर द्वारा की गई मांगों को पूरा ना करें। ऐसा करने से आप मुश्किल में पड़ जाएंगे और ब्लैकमेलर अपने मकसद को अंजाम देगा।
- पुलिस को सूचित करें- जबरदस्ती वसूली और ब्लैकमेलिंग एक दूसरे से जुड़े अपराध हैं। अगर ब्लैकमेलर आपको मॉर्फ्ड वीडियो या किसी संवेदनशील पर्सनल वीडियो को पब्लिक्ली प्रसारित करने की धमकी देता है, तो पहले पुलिस को सूचित करें। अगर ब्लैकमेलर आपका पर्सनल वीडियो इंटरनेट पर फैलाने के लिए ब्लैकमेल करता है, तो आप यह रिपोर्ट भी कर सकते है।
- एडवोकेट से सलाह करें – ब्लैकमेलिंग के ऐसे मैटर्स को किसी अन्य व्यक्ति के साथ साझा करना अक्सर मुश्किल होता है, जब तक कि आपको उन पर पूरा भरोसा नहीं होता। इस सिचुएशन में आप एक लॉयर जैसे कानूनी पेशेवरों की मदद ले सकते हैं, जो न केवल आपकी प्राइवेसी की रक्षा करेंगे बल्कि साथ में आपको उचित न्याय दिलाने में भी मदद करेंगे। लीड इंडिया आपको शिकायत दर्ज करने की प्रोसेस में सलाह देने और मार्गदर्शन करने के लिए भारत में कुशल साइबर क्राइम लॉयर्स की एक लम्बी लिस्ट प्रदान करता है।
- गुमनाम रूप से साइबर क्राइम की रिपोर्ट करें – साइबर क्राइम और ब्लैकमेलिंग का शिकार होने पर आप www.cybercrime.gov.in पर गुमनाम रूप से अपराध की रिपोर्ट कर सकते हैं।
- साइबर सेल्ल में रिपोर्ट- आप किसी भी शहर में साइबर क्राइम की कम्प्लेन करने के लिए साइबर सेल से संपर्क कर सकते हैं, क्योंकि साइबर क्राइम का कोई एरिया नहीं होता है।
- राष्ट्रीय महिला आयोग – अगर आप भी ऐसी मुश्किलों का सामना कर रही हैं और किसी अन्य सोर्स से मदद नहीं ले पा रही हैं, तो आप राष्ट्रीय महिला आयोग को ब्लैकमेल किए जाने की शिकायत लिख सकती हैं।
आपकी मदद कौन कर सकता है?
आप ब्लैकमेलर के द्वारा किए गए अपराध के लिए कम्प्लेन करने में स्पेशल एडवाइस और मार्गदर्शन प्राप्त करने के लिए लीड इंडिया से संपर्क कर सकते है। आप यहां से अपने मैटर्स को सोल्व करने और अपने अधिकारों की सुरक्षा करने के लिए भारत के सर्वश्रेष्ठ साइबर क्राइम लॉयर्स भी प्राप्त कर सकते हैं। हम आपके केस को सबसे अनुकूल तरीके से नेविगेट करने और आपको न्याय दिलाने के लिए दिल्ली और मुंबई में साइबर क्राइम लॉयर्स की एक पूरी लिस्ट पेश करते हैं।