सभी ने कभी न कभी लीगल नोटिस के बारे में सुना होगा। आज हम इस लेख में बात करेंगे कि लीगल नोटिस क्या होता है, इसका क्या मतलब होता है और यह किस काम आता है।
लीगल नोटिस किसी व्यक्ति या संस्था से बात करने का एक फॉर्मल या लीगल तरीका होता है। इस लीगल नोटिस के द्वारा व्यक्ति या संस्था को उनके अगेंस्ट हो रही लीगल प्रोसीडिंग्स के आपके इरादे के बारे में बताया जाता है। लीगल कार्रवाई तभी की जा सकती है, जब लीगल नोटिस दिया गया हो।
लीगल नोटिस भेजे जाने के बाद, दूसरी पार्टी को आपके द्वारा फाइल की गयी कम्प्लेन और कोर्ट जाने की आपकी इंटेंशन के बारे में बताया जाता है। कुछ केसीस में लीगल नोटिस को एक लीगल रूप से दी गयी धमकी भी समझा जा सकता है, क्योंकि कभी-कभी नोटिस भेजे जाने के बाद, कोर्ट की प्रोसीडिंग्स शुरू होने से पहले ही दोनों पार्टीज़ आपस में समझौता करके अपनी प्रॉब्लम सॉल्व कर लेती है।
विस्तार में समझे तो एक लीगल नोटिस दूसरी पार्टी को भेजा जाने वाला एक फॉर्मल नोटिस होता है। यह इसीलिए भेजा जाता है ताकि केस को बातचीत करके सॉल्व किया जा सके और दोनों पार्टीज़ का टाइम, पैसा, कोशिशें की बचत हो सके, या फिर दूसरी पार्टी को टाइम दिया जाये ताकि वे भी कोर्ट में अपना केस पेश कर सकें।
लीगल नोटिस क्या है:
सिविल प्रोसीजर कोड के सेक्शन 80 के तहत, केवल सिविल केसिस में लीगल नोटिस फाइल किया जाता है। एक लीगल नोटिस में यह निम्नलिखित जानकारी होती है:
- कम्प्लेन से रिलेटेड सभी स्टेटमेंट और फैक्ट्स जिसके लिए कार्रवाई की जानी है;
- पार्टी द्वारा मांगी गई राहत या कोई दूसरा सोल्युशन
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केस के फैक्ट्स:
यह मैटर सॉल्व करने के लिए पार्टीज़ इन तरीकों को भी अपना सकती है।
परफेक्ट तरीके से तैयार किय गया एक लीगल नोटिस कभी-कभी पार्टियों के बीच एक मीडिएटर के रूप में भी काम कर सकता है, क्योंकि अगर दोनों पार्टियां समझौता करना चाहती है तो यह उन दोनों को कोर्ट से बाहर ही उनका केस सॉल्व करने में मदद करता है।
लीगल नोटिस को ड्राफ्ट करना:
लीगल ड्राफ्ट के फॉर्मेट में निम्नलिखित डाक्यूमेंट्स शामिल होंगे:
- नाम और जरूरी जानकारी
- डिस्क्रिप्शन
- नोटिस भेजने वाले व्यक्ति का निवास स्थान
- कम्प्लेन
- नोटिस भेजने वाले ने राहत का दावा किया
- राहत पाने का लीगल बेस का संक्षिप्त रूप में दावा किया गया है।
लीगल नोटिस कैसे फाइल करें-
लीगल नोटिस एक छोटा और सरल डॉक्युमनेट होता है। आपका मैसेज सही तरीके से पहुंच गया है या नहीं यह सुनिश्चित करने के लिए एक्यूरेट और सटीक भाषा यूज़ करने की जरूरत पड़ती है। एक एक्सपीरिएंस्ड लॉयर कानून के अनुसार आपका लीगल नोटिस या कॉन्ट्रैक्ट तैयार करने में और कानून की उपयुक्त भाषा करने में मदद कर सकता है।
इसका प्रोसीजर क्या है?
लीगल नोटिस पर्सनली भी भेजा जा सकता है। आप एक नोटिस ड्राफ्ट करा सकते हैं, इसे ऑथोराइज़ करा सकते हैं और फिर इसे दूसरी पार्टी को भेज सकते हैं। लीगल नोटिस में लिखे गए शब्द बहुत जरूरी होते है क्योंकि यह शब्द ही केस को कोर्ट तक पहुंचा सकते है, इसलिए यही सलाह दी जाती है कि लीगल एक्सपर्ट्स के द्वारा ही आपका लीगल नोटिस तैयार किया जाए। आपके लीगल नोटिस में आपकी परेशानी से रिलेटेड और किए गए उल्लंघन से रिलेटेड कानून भी शामिल होंगे। इस प्रकार, एक एक्सपीरिएंनसड लॉयर आपको शामिल हुए सभी कानूनों के द्वारा मार्गदर्शन कर सकता है, साथ ही साथ अगर दूसरी पार्टी बातचीत करना चाहती है या कोर्ट केस को जारी रखना चाहती है तो आपको सभी अवेलेबल कानूनी ऑप्शंस के बारे में भी बता सकता है।
लीड इंडिया कोर्ट केसिस से रिलेटेड डॉक्यूमेन्ट्स की ड्राफ्टिंग तैयार करने में लीगल हेल्प प्रदान करता है। लीगल एरिया में अच्छा एक्सपीरियंस रखने वाले प्रोफ़ेशनल्स की एक टीम कोर्ट में आपके केस को रिप्रेजेंट करने और आपका मार्गदर्शन करने में आपकी हेल्प कर सकते है।