जीएसटी रजिस्ट्रेशन कराना कब जरूरी है?

जीएसटी रजिस्ट्रेशन कब जरूरी है?

जीएसटी रजिस्ट्रेशन वह प्रोसेस होता है जिसके अंदर हर टैक्स देने वाला व्यक्ति (Goods and Service Tax) रजिस्ट्रेशन के तहत एक टैक्स देने वाले व्यक्ति के रूप में रजिस्टर हो जाता है। रजिस्ट्रेशन प्रोसेस पूरी हो जाने के बाद गुड्स एंड सर्विस टैक्स आइडेंटिफिकेशन नंबर (जीएसटीआईएन) दे दिया जाता है।

जीएसटी रजिस्ट्रेशन कैसे करें और GST कराने के क्या फायदे है। साथ ही, क्या जीएसटी रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी है? 

जीएसटी रजिस्ट्रेशन के फायदे

  1. जीएसटी के लागू होने के बाद से भारत में कैस्केडिंग प्रभाव ख़त्म हो गया है। जिसके परिणामस्वरूप, कैस्केडिंग प्रभाव की वजह से जिस सामन पर पहले दो-दो बार टैक्स लगता था अब जीएसटी की वजह से उस सामन पर बहुत कम टैक्स लगता है।
  2. भारत में पहले जीएसटी की जगह पर बहुत सारे इन-डायरेक्ट टैक्स लगाए जाते थे जैसे सर्विस टैक्स, वैट, एक्साइज टैक्स आदि। लेकिन अब जीएसटी लागू होने के बाद से फाइलिंग की संख्या में कमी आई है क्योंकि अब बहुत सारे इन-डायरेक्ट टैक्स को मिलाकर एक ही टैक्स के रूप में इम्पोस कर दिया गया है।
  3. कोई भी व्यक्ति जीएसटी पोर्टल का इस्तेमाल करके खुद को ऑनलाइन रजिस्टर कर सकता है। ऐसा करने से उनका काफी समय बच जायेगा।
  4. जीएसटी के लिए रजिस्टर हो जाने के बाद एक व्यक्ति को कानूनी रूप से वस्तुओं और सेवाओं को सप्लाई करने वाले व्यक्ति के रूप में मान्यता दी जाती है।
  5. रजिस्ट्रेशन कराने के बाद व्यक्ति भुगतान किए गए टैक्स के लिए इनपुट टैक्स क्रेडिट का दावा कर सकता है और टैक्स इकठ्ठा करने की प्रोसेस में पारदर्शिता (transparency) सुनिश्चित करते हुए वस्तुओं और सेवाओं के प्रोविज़न पर बकाया टैक्स का भुगतान करने के लिए इसका इस्तेमाल कर सकता है।

क्या जीएसटी रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी है?

  1. किस व्यक्ति को जीएसटी रजिस्ट्रेशन करना जरूरी है इस बात को सीजीएसटी एक्ट के सेक्शन 22 में बताया गया है।
  2. एक पूरे फाइनेंसियल साल के अंदर अगर एक कंपनी की गुड्स और सर्विसिस की सप्लाई 40 लाख से ज्यादा हुई है तो ऐसे व्यक्ति को जीएसटी कर तहत रजिस्टर होना जरूरी है। 
  3. कुछ विशेष राज्यों के लिए गुड्स और सर्विसिस की सप्लाई करने पर यह लिमिट 20 लाख रूपये है। इसका मतलब है कि अगर इन जगहों पर बीस लाख से ज्यादा वस्तुओं और सेवाओं की सप्लाई करने पर या टर्नओवर होने पर उन्हें जीएसटी रजिस्ट्रेशन करना जरूरी है। यह विशेष राज्य जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, असम, पुडुचेरी, मेघालय, मिजोरम, त्रिपुरा, मणिपुर, सिक्किम, नागालैंड, अरुणाचल प्रदेश और उत्तराखंड है। 
  4. अगर कोई व्यक्ति अपना बिज़नेस किसी अन्य व्यक्ति के नाम पर ट्रांसफर कराता है तो जिस व्यक्ति के नाम पर वह बिज़नेस को ट्रांसफर किया गया है उसे उत्तराधिकार के रूप में रजिस्टर होना जरूरी है।
  5. इस प्रकार को कोई भी बिज़नेस ट्रांसफर एक योजना, एक समामेलन, या दो व्यवसायों के डीमर्जर द्वारा और हाई कोर्ट या ट्रिब्यूनल के आर्डर के अनुसार ही रजिस्टर्ड होना चाहिए।

जीएसटी रजिस्ट्रेशन कराना किसके लिए जरूरी नहीं है?

सीजीएसटी एक्ट के सेक्शन 23 के अनुसार निम्नलिखित व्यक्ति जीएसटी रजिस्ट्रेशन कराने की जरूरत नहीं है।

  1. किसी भी गुड्स एंड सर्विसिस का बिज़नेस करने वाले ऐसे व्यक्ति को रजिस्ट्रेशन कराना जरुरी नहीं है जिन्हे इस एक्ट के तहत छूट दी गयी है या जजी इस एक्ट के तहत टैक्सपेयर नहीं माने गए है। 
  2. 1961 के इनकम टैक्स एक्ट के अनुसार कृषि/एग्रीकल्चरल इनकम पर छूट दी गयी है। इसलिए एक किसान जो फसलें उगाता है और उनको उगा कर सप्लाई करता है तो उसे रजिस्ट्रेशन कराने की कोई जरूरत नहीं है। 
  3. सरकार समय-समय पर उन व्यक्तियों के बारे में अधिसूचना जारी करती रहती है जिन्हे इस एक्ट के तहत रजिस्ट्रेशन करना जरूरी नहीं है या जिन्हे छूट मिली है।
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