पत्नी का एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर, क्या करूँ?

पत्नी का एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर, क्या करूँ?

विवाह में एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर बहुत बुरा असर डाल सकता है। इससे पति-पत्नी के बीच विश्वास टूट जाता है और गहरी भावनात्मक चोट लगती है। यह समझना ज़रूरी है कि ऐसे मामलों में क्या-क्या नुकसान हो सकते हैं।

अगर आप इस स्थिति का सामना कर रहे हैं, तो कानूनी विकल्प जानना बहुत महत्वपूर्ण है। कानून के तहत, एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर के आधार पर तलाक के लिए विशिष्ट वजहें हैं। इन विकल्पों को समझना आपकी मदद कर सकता है। आपको पता होना चाहिए कि सबूत कैसे इकट्ठा करें, कोर्ट की प्रक्रिया कैसी होती है, और यह मामला संपत्ति और बच्चों की कस्टडी पर कैसे असर डाल सकता है। अपने कानूनी अधिकारों और विकल्पों को जानकर आप सही निर्णय ले सकते हैं और इस कठिन समय में अपने हितों की रक्षा कर सकते हैं।

एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर क्या है?

एक एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर तब होता है जब कोई व्यक्ति जो शादीशुदा है, अपने विवाह के बाहर किसी अन्य व्यक्ति के साथ रोमांटिक या यौन संबंध बनाता है। इसमें शारीरिक संबंध, भावनात्मक जुड़ाव, या दोनों शामिल हो सकते हैं। यह विवाह की मूल बात, यानी विश्वास और समर्पण, को तोड़ता है। अफेयर की प्रकृति बहुत भिन्न हो सकती है—यह एक तात्कालिक मुलाकात से लेकर लंबे समय तक चलने वाले गहरे भावनात्मक रिश्ते तक हो सकता है। एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर से इमोशनल और साइकोलॉजिकल प्रभाव हो सकता है।

क्या आप को कानूनी सलाह की जरूरत है ?

एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर के दुष्प्रभाव क्या हो सकते है?

  • अफेयर के कारण विवाह में विश्वास टूटता है, जिससे गहरी भावनात्मक पीड़ा होती है।
  • एक बार टूटे हुए विश्वास को फिर से बनाना बहुत मुश्किल होता है, जिससे रिश्ते में दरार आ जाती है।
  • अफेयर से पति-पत्नी के बीच तनाव और झगड़े बढ़ सकते हैं।
  • अफेयर की वजह से चिंता, उदासी और अन्य मानसिक स्वास्थ्य समस्याएँ हो सकती हैं।
  • बच्चों और परिवार के अन्य सदस्यों पर बुरा असर पड़ता है, जिससे परिवार की स्थिति अस्थिर हो जाती है।
  • अफेयर से सामाजिक मानहानि हो सकती है, जो दोस्तों और परिवार के साथ रिश्तों को प्रभावित कर सकती है।
  • तलाक के मामलों में संपत्ति, भरण-पोषण और कस्टडी पर विवाद हो सकते हैं, जिससे कानूनी और वित्तीय समस्याएँ उत्पन्न होती हैं।
  • अफेयर में शामिल व्यक्ति को अपने आत्म-सम्मान और व्यक्तिगत ईमानदारी के साथ समस्याएँ हो सकती हैं।
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एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर कैसे तलाक का आधार बनता है?

एडल्ट्री को शादी के कानूनों में स्पष्ट रूप से परिभाषित किया गया है और इसे तलाक के लिए मान्य कारण माना जाता है। अगर किसी एक साथी ने शादी के वादों को तोडा या एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर किया, तो यह तलाक के लिए एक सही आधार होता है।

भारत में, एडल्ट्री को 1955 के हिन्दू मैरिज एक्ट की धारा 13(1)(i) के तहत परिभाषित किया गया है। एडल्ट्री को विवाह के बाहर के यौन संबंध, जिसमें शारीरिक संबंध भी शामिल हैं, के रूप में समझा जाता है और यह तलाक के लिए एक सही वजह मानी जाती है।

हालांकि, 2018 के ऐतिहासिक फैसले में जोसेफ शाइन बनाम यूनियन ऑफ़ इंडिया मामले में, सुप्रीम कोर्ट ने एडल्ट्री को अपराध नहीं माना और इसे भारतीय दंड संहिता से हटा दिया। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि एडल्ट्री अब अपराध नहीं है, लेकिन यह एक सिविल रॉंग है और तलाक के लिए एक वैध कारण बना हुआ है

डाइवोर्स के लिए कैसे फाइल करे?

आप या आपका पार्टनर दोनों में से कोई भी एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर के कारण तलाक ले रहे हैं, तो सबसे पहले उसे जुड़े सरे सबूत इखट्टा करे जैसे मैसेज, ईमेल और कुछ डॉक्यूमेंट, जो विश्वासघात को दर्शाते हैं। सबूत जुटाने के बाद आप तलाक की प्रक्रिया शुरू कर सकते हैं।

कानूनी प्रक्रिया:

  • सबसे पहले एक विशेषज्ञ वकील से सलाह लें, जो आपकी स्थिति के अनुसार सही सलाह देंगे।
  • आपके वकील आपकी ओर से एक तलाक पिटिशन तैयार करेंगे और कोर्ट में दाखिल करेंगे। इसमें तलाक की वजह, जैसे कि एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर, का उल्लेख होगा।
  • पिटिशन के साथ, आपको इसे जुड़े सबूत और अन्य जरूरी वित्तीय डॉक्यूमेंट भी जमा करने होंगे।
  • दाखिल की गई पिटिशन को आपको अपनी पत्नी को देने की जरूरत होगी, ताकि वह तलाक की प्रक्रिया से अवगत हो सकें।
  • आपको हर कोर्ट की सुनवाई पर शामिल होना पड़ेगा और आपका वकील आपके केस का प्रतिनिधित्व करेगा और सबूत पेश करेगा।
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कानूनी प्रतिनिधित्व का महत्व:

एक विशेषज्ञ वकील को नियुक्त करना बहुत महत्वपूर्ण है। वे आपको सही सलाह देंगे, सभी कानूनी प्रक्रियाओं का पालन कराएंगे और कोर्ट में आपके हितों का प्रतिनिधित्व करेंगे। उनका अनुभव आपको कानूनी जटिलताओं को समझने और एक उचित परिणाम प्राप्त करने में मदद करेगा।

एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर से संबंधित कानूनी प्रावधान क्या हैं?

  • दोनों कानूनों के तहत, अगर पत्नी शादी के बाद किसी और के साथ शारीरिक संबंध बनाती  हैं, तो तलाक की अर्जी दी जा सकती है।
  • एडल्ट्री के आधार पर तलाक के लिए आप हिंदी मैरिज एक्ट की धारा 13(1)(i) या स्पेशल मैरिज एक्ट की धारा 27(1)(a) के तहत अर्जी दे सकते हैं।
  • अगर आप तलाक नहीं चाहते, तो आप एडल्ट्री के आधार पर जुडिशल सेपरेशन की अर्जी दे सकते हैं। इससे आप और आपकी पत्नी एक साल तक एक साथ नहीं रहेंगे और सोचने का समय मिलेगा।

निष्कर्ष

अगर आपकी पत्नी का एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर, तो आपके पास तलाक लेने के लिए कानूनी विकल्प हैं। एडल्ट्री को तलाक का एक सही आधार माना जाता है। इसके लिए आप सबूत जुटाकर तलाक की अर्जी दे सकते हैं। कानूनी प्रक्रिया में एक विशेषज्ञ वकील की मदद लेना जरूरी है ताकि आप सही सलाह और सहायता प्राप्त कर सकें। इसके अलावा, आपको भावनात्मक और कानूनी समर्थन की भी आवश्यकता हो सकती है ताकि इस कठिन समय को बेहतर तरीके से संभाला जा सके।

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