Defamation
एक कार्यालय के कर्मचारी संघ ने अपने अधिकारी पर कर्मचारियों से अभद्र भाषा प्रयोग करने, रिश्वत की मांग करने, टाईम पर सैलरी न देने का ज्ञापन कलेक्टर महोदय को दिया है। अब उस अधिकारी ने कर्मचारियों को मानहानि का कानूनी नोटिस भेजा है। इस सम्बन्ध में कानून क्या कहता है।
यदि सिर्फ नोटिस भेजा गया है तो उस केस में जो निजी कर्मचारी है वो अपने तरफ से कलेक्टर को सबूत पेश कर सकते है. सबूत के आधार पर ही कोई निर्णय लिया जायेगा. एक बात और यह भी निर्भर करता है की क्या नोटिस में कोई मानहानि का मामला दर्ज करने की बात हुई है या नहीं. कानून यह भी कहता है की इस तरह के मामले में कार्यालय अपने आम तोर तरीके से चलेगा और अधिकारी कर्मचारी अपने करमचारियो से कोई भी ठोस और अभिनत निर्णय नहीं ले सकता. आप हमसे विस्तार से चर्चा करने और विशेषज्ञ समाधान प्राप्त करने के लिए हमारे टोल-फ्री नंबर पर लीड इंडिया से संपर्क कर सकते हैं, जिससे अनुभवी वकीलों द्वारा प्रभावी कानूनी सलाह और समस्या का समाधान करके संतोष सुनिश्चित किया जाता है।
कर्मचारियों के प्रति अभद्र भाषा, रिश्वत की मांग और समय पर वेतन न देने की स्थिति मानहानि के तत्वों को गंभीरता से लेते हुए अधिकारी द्वारा किए गए कानूनी नोटिस का पालन करना आवश्यक हो सकता है।
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